सरकार ने चीन से इंपोर्ट होने वाले 328 प्रोडक्ट्स के ऊपर इंपोर्ट डयूटी बढ़ाकर दोगुनी की
328 मदों में तकरीबन वे सारे उत्पाद आ गए होंगे, जिनका आयात ज्यादा होता है. खासतौर से चीन से आने वाले सिन्थेटिक कपड़ों का आयात कम हो जाएगा.
नई दिल्लीः अब आपको चीन से आयात होने वाले इंपोर्टेड कपड़ों और टेक्सटाइल उत्पादों पर ज्यादा खर्च करना पड़ेगा. केंद्र सरकार ने चीन से आयात होने वाले कपड़ों, धागों, सिले-सिलाए कपड़ों और कालीन सहित 328 उत्पादों के ऊपर इंपोर्ट डयूटी 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी है. देश में टेक्सटाइल उत्पादों की मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ये फैसला किया है. वित्त राज्यमंत्री पोन राधाकृष्णन ने इससे जुड़ी अधिसूचना को आज लोकसभा में पेश किया.
क्या है फैसला घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 328 टेक्सटाइल उत्पादों पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया. वित्त राज्यमंत्री पोन राधाकृष्णन ने लोकसभा के पटल पर अधिसूचना रखी जिसमें सीमा शुल्क अधिनियम की धारा 159 के तहत 328 वस्त्र उत्पादों पर सीमा शुल्क की मौजूदा दर 10 फीसदी को बढ़ाकर 20 फीसदी करने की बात कही गई है.
पिछले महीने सरकार ने 50 से ज्यादा फैब्रिक प्रोडक्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी थी. इसमें बुने हुए कपड़े, ड्रेस, ट्राउजर, सूट, जैकेट्स, बेबी गारमेंट और कारपेट शामिल हैं लेकिन उस समय बहुत सारे ऐसे उत्पादों पर आयात शुल्क नहीं बढ़ाया गया था, जिनका भारत ज्यादा आयात करता है. इसलिए घरेलू इंडस्ट्री की ओर से कई मदों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की मांग की जा रही थी.
केंद्र सरकार ने मंगलवार को एक अहम फैसले में टेक्सटाइल के 328 मदों पर सीमा शुल्क दोगुना करते हुए 20 फीसदी कर दिया है. इसके मुताबिक, सीमा शुल्क अधिनियम 1962 की धारा 159 के तहत 328 वस्त्र उत्पादों पर इंपोर्ट ड्यूटी 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है.
सरकार के इस कदम से घरेलू कपड़ा उद्योग को फायदा होगा, क्योंकि सस्ता आयात होने से उद्योग की हालत खराब थी. 328 मदों में तकरीबन वे सारे उत्पाद आ गए होंगे, जिनका आयात ज्यादा होता है. खासतौर से चीन से आने वाले सिन्थेटिक कपड़ों का आयात कम हो जाएगा.