सरकार ने गिफ्ट सिटी में इंवेस्टमेंट ट्रस्ट, ETF को कैपिटल गेन टैक्स से छूट दी, टैक्स न्यूट्रल क्षेत्र के रूप में मिलेगा बढ़ावा
GIFT City: गिफ्ट सिटी में स्थित एक्सचेंज पर लिस्टेड और कारोबार करने वाले ईटीएफ अब कैपिटल गेन टैक्स छूट के लिये एलिजिबल होंगे. सीबीडीटी ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.
GIFT City: सरकार ने गुजरात के गिफ्ट सिटी में कंपनियों की तरफ से जारी किए जाने वाले निवेश ट्रस्ट और ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) की यूनिट को कैपिटल गेन टैक्स से छूट दी है. दरअसल इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर के रूप में लगाई गई गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-(गिफ्ट) सिटी को फाइनेंशियल सेक्टर के लिये एक टैक्स न्यूट्रल क्षेत्र के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने नोटिफाई किया नियम
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने इस को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है. इस नोटिफिकेशन के तहत इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर अथॉरिटी (फंड मैनेजर) रेगुलेशन 2022 के तहत शुरू निवेश ट्रस्ट की किसी भी यूनिट और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) की यूनिट को कैपिटल गेन टैक्स से छूट देने की व्यवस्था कर दी गई है.
गिफ्ट सिटी में स्थित एक्सचेंज पर लिस्टेड और कारोबार करने वाले ईटीएफ अब कैपिटल गेन टैक्स छूट के लिये एलिजिबल होंगे. इन बदलावों से आईएफएससी में फंड और शेयर बाजार कारोबार के लिये उपलब्ध प्रोत्साहनों का दायरा और बढ़ जाएगा.
क्या कहते हैं जानकार
पीटीआई की खबर के मुताबिक नांगिया एंडरसन एलएलपी के पार्टनर (फाइनेंशियल सर्विसेज) सुनील गिडवानी ने कहा कि मौजूदा कानून के तहत अलग-अलग सिक्योरिटीज पर कैपिटल गेन टैक्स से छूट दे दी गई है. गिफ्ट सिटी में शेयर बाजारों में कारोबार या गिफ्ट सिटी में मौजूद यूनिट्स द्वारा जारी सिक्योरिटीज पर टैक्स छूट दी गयी है. सुनील गिडवानी ने कहा कि न्यू फंड रिजीम के तहत फंड को इंवेस्टमेंट ट्रस्ट के रूप में स्थापित करने का प्रावधान है, इसीलिए, कानून में कैपिटल गेन से छूट के उद्देश्य से ऐसे ट्रस्टों द्वारा जारी यूनिट को शामिल करने की जरूरत है.
आईएफएससी को दुनिया में फाइनेंशियल सर्विसेज का सेंटर बनाने में मिलेगी मदद
एकेएम ग्लोबल टैक्स में पार्टनर अमित माहेश्वरी ने कहा कि यह नोटिफिकेशन आईएफएससी को दुनिया में फाइनेंशियल सर्विसेज का सेंटर बनाने और एक मान्यता-प्राप्त शेयर बाजार में नॉन रेसीडेंट इंवेस्टर्स को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य के मुताबिक है. इसके जरिए सरकार को ज्यादा निवेश के रूप में ज्यादा फंड मिल पाएगा क्योंकि टैक्स न्यूट्रल एरिया होने से ज्यादा इंवेस्टर यहां निवेश करने के लिए उत्साहित होंगे.
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