(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
TDS On Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर केवल टीडीएस लगाने से सरकार को हुई भारी भरकम कमाई
Cryptocurrency Update: एक जुलाई 2022 से क्रिप्टोकरेंसी समेत सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर टीडीएस वसूलने के नियम को लगू किया गया था जिससे इसमें लेन-देन करने वालों पर नजर रखी जा सके.
Cryptocurrency: एक जुलाई, 2022 से किप्टोकरेंसी में निवेश करने निवेशकों का पता लगाने के लिए सरकार ने क्रिप्टो के खरीद फरोख्त पर टीडीएस लगाने का एलान किया था. क्रिप्टोकरेंसी समेत सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर टीडीएस वसूली के नियम के लागू होने के बाद से सरकार को टैक्स के रूप में 60.46 करोड़ रुपये की कमाई हुई है. सरकार ने संसद में ये जानकारी दी है.
राज्यसभा में लिखित जवाब में वित्त राज्यमंत्री पकंज चौधरी ने कहा कि टीडीएस के प्रावधान के लागू होने के बाद से इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 194S के तहत TDS कोड 194 के तहत 60.46 करोड़ रुपये के 318 डायरेकट टैक्स चालान प्राप्त हुए हैं. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो एसेट्स को भारत में रेग्युलेट नहीं किया जाता है. और सरकार किसी भी क्रिप्टो एक्सचेंज को रजिस्टर नहीं करती है.
एक अप्रैल, 2022 से बिट्कॉइन जैसे सभी क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांसफर पर सरचार्ज और सेस के साथ 30 फीसदी इनकम टैक्स वसूली का नियम लागू हो गया था. इसके बाद वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) यानि क्रिप्टोकरेंसी और नॉन फंजिबल टोकन (NFT) के ट्रांसफर पर किए जाने भुगतान पर 1 फीसदी टीडीएस ( Tax Deducted At Source) लगाने का ऐलान किया था. 10,000 रुपये से ज्यादा के ट्रांजैक्शन पर 1 फीसदी टीडीएस (TDS) लगा दिया गया था. क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांसफर के समय अगर खरीदार के पास पैन नहीं है तो 20 फीसदी के दर से टैक्स लगाने का नियम है. और अगर खरीदार ने आयकर रिटर्न नहीं भरा है तो 5 फीसदी के दर से टीडीएस का भुगतान करना होता है.
इतना ही नहीं एक जुलाई 2022 से सभी क्रिप्टो के ट्रांजैक्शन पर टीडीएस का भुगतान करना होगा चाहे वो मुनाफे में बेचा गया हो या नुकसान में. मतलब जो निवेशक क्रिप्टोकरेंसी को मुनाफे में नहीं भी बेचते हैं उन्हें भी टैक्स चुकाना होगा. ऐसे क्रिप्टो में निवेश करने वाले निवेशकों को एक फीसदी टीडीएस का भुगतान करना होगा जिससे सरकार क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन करने वालों के ठौर ठिकानों का पता लगा सके.
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