नई दिल्लीः सरकार ने आठ और ऐसे सेक्टर्स की पहचान की है, जिनमें भारत वर्ल्ड सप्लायर बन सकता है. इससे पहले सरकार 12 सेक्टर की पहचान कर चुकी थी.भारत इनमें दुनिया भर में निर्यात कर सकता है.
फूड प्रोसेसिंग, स्टील समेत पांच सेक्टरों के लिए प्रोत्साहन पैकेज
सरकार ने जिन नए सेक्टर्स की पहचान की है उनमें फूड प्रोसेसिंग आयरन एंड स्टील, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंडस्ट्रियल मशीनरी, फर्नीचर, ऑटो पार्ट्स, लेदर और फुटवियर शामिल हैं. इन सेक्टर्स में भारत आयातक से निर्यातक बन सकता है. वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के मुताबिक भारत को आत्मनिर्भर बनाने के अभियान के तहत सरकार ने नए आठ सेक्टर्स की पहचान की है. इनमें भारत की क्षमता आयातक से निर्यातक बनने की है.
सरकार टेक्सटाइल-गारमेंट, फूड प्रोसेसिंग, स्टील, केमिकल्स, सोलर एनर्जी में इंपोर्ट घटाने और उनमें इस्तेमाल होने वाले उपकरणों का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम ला सकती है. इन पांचों सेक्टर में घरेलू उत्पादन बढ़ाने के साथ ही टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन में भी मदद दी जाएगी.
कई सेक्टरों के लिए उत्पादन प्रोत्साहन की योजना तैयार
इन सेक्टर्स के लिए उत्पादन प्रोत्साहन का खाका तैयार हो चुका है. हरेक सेक्टर के लिए इसकी चरणबद्ध तैयारी की जाएगी. आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज के मुताबिक सरकार ने उत्पादन बढ़ाने के लिए मोबाइल और फार्मा सेक्टर के लिए उत्पादन प्रोत्साहन योजना का ऐलान कर दिया है.
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का कहना है किसी भी सेक्टर में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए टेक्नोलॉजी का सही तरीके से दोहन जरूरी है. कुछ नौकरियों में नई स्किल की जरूरत होती है. इसी से नौकरियों के अवसर बढ़ते हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका इसलिए आगे बढ़ रहा है क्योंकि वहां आरएंडडी, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और इनोवेशन पर बहुत जोर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी का प्रभावी इस्तेमाल न होने से दुनिया के कई देशों में असमानता बढ़ी है.