Export Tax On Rice: देश में चावल की बढ़ती कीमतों और धान की बुआई घटने के बाद पैदावार में कमी की आशंका के चलते सरकार ने चावल के एक्सपोर्ट पर नकेल कसने का फैसला किया है. केंद्र सरकार ने चावल एक्सपोर्ट करने पर टैक्स लगा दिया है. चावल विदेशों में निर्यात करने पर 20 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी देना होगा. इससे विदेशों में चावल भेजना अब महंगा हो जाएगा.
सरकार ने गैरबासमती चावल के कुछ वैराइटी के निर्यात पर 20 फीसदी एक्सपोर्ट टैक्स लगा दिया है. इन दिनों चावल का एक्सपोर्ट बढ़ गया था. सरकार ने इसे रोकने के लिए चावल के एक्सपोर्ट पर टैक्स लगाने का फैसला किया है. 9 सितंबर, 2022 से ये फैसला लागू होगा. वित्त मंत्रालय के अधीन डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू ने ये जानकारी दी है.
दरअसल खाद्य आपूर्ति मंत्रालय के सिफारिशों के बाद सरकार ने ये फैसला लिया है. खाद्य आपूर्ति मंत्रालय ने पीडीएस और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के लिए प्रर्याप्त स्टॉक रखने के लिए चावल के एक्सपोर्ट पर टैक्स लगाने की सलाह दी थी.
देश के कई इलाकों में बारिश नहीं होने के चलते धान की बुआई पर असर पड़ा है जिसके चलते इस वर्ष चावल के उत्पादन में बड़ी कमी आ सकती है. वैसे ही रूस यूक्रेन युद्ध ( Russia - Ukraine War) के चलते पूरी दुनिया में गेहूं की कमी देखने को मिली है जिसके चलते गेहूं के दामों में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला. गेहूं के महंगा होने के चलते आटा और उससे बनने वाली चीजों महंगी होती गई जिससे महंगाई बढ़ गई.
अब महंगाई के इस दौर में चावल का संकट खड़ा हो सकता है जिसका सामना पूरी दुनिया को करना पड़ सकता है. पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में बारिश के कमी के चलते धान की बुआई में कमी आई है. पूरी दुनिया में चावल के कुल ट्रेड में 40 फीसदी हिस्सेदारी भारत की है.
ये भी पढ़ें