अब सस्ती होगी CNG! सरकार ने आईजीएल, MGL और अडानी-टोटल को सस्ती गैस की सप्लाई बढ़ाई
Gas Supply Increased: पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने 31 दिसंबर, 2024 के अपने आदेश के जरिये जमीन के नीचे और समुद्र के नीचे से उत्पादित गैस के कुछ आवंटन को फिर से व्यवस्थित किया है.
Gas Supply Increased: सरकार ने शहरी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों जैसे इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड यानी आईजीएल, अडानी-टोटल और महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) को सस्ती गैस की सप्लाई बढ़ा दी है. इन कंपनियों ने शेयर बाजारों को यह जानकारी दी है. बीते साल यानी 2024 में सरकार ने इन कंपनियों को गैस आवंटन घटा दिया था. सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों ने कहा कि एपीएम गैस की बढ़ी हुई मात्रा की सप्लाई 16 जनवरी से शुरू हो जाएगी.
IGL ने शेयर बाजारों को दी जानकारी
इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा, "गेल (इंडिया) लिमिटेड (घरेलू गैस आवंटन के लिए नोडल एजेंसी) से मिले पत्र के मुताबिक आईजीएल को घरेलू गैस आवंटन 16 जनवरी, 2025 से 31 परसेंट तक बढ़ाया गया है. इससे सीएनजी सेगमेंट में घरेलू गैस की हिस्सेदारी 37 परसेंट से बढ़कर 51 परसेंट हो जाएगी." कंपनी ने एक बड़े सप्लायर के साथ प्रतिस्पर्धी कीमत पर लगभग 10 लाख मानक घनमीटर रोजाना की आयातित एलएनजी के साथ भी करार किया है. आईजीएल ने कहा कि इस संशोधन और अतिरिक्त मात्रा के लिए करार के बाद कंपनी के मुनाफे पर सकारात्मक असर पड़ेगा.
अडानी-टोटल गैस लिमिटेड ने कहा- रिटेल कीमतों पर आएगा असर
गुजरात और अन्य शहरों में सीएनजी की रिटेल बिक्री करने वाली अडानी-टोटल गैस लिमिटेड ने कहा कि "एपीएम गैस के आवंटन में 16 जनवरी, 2025 से 20 परसेंट की बढ़ोतरी की गई है. कंपनी ने कहा कि इस बढ़ोतरी से उसपर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और कंज्यूमर्स के लिए रिटेल कीमतों को स्थिर करने में मदद मिलेगी."
महानगर गैस लिमिटेड का भी गैस आवंटन बढ़ा
मुंबई और अन्य शहरों में सीएनजी की रिटेल बिक्री करने वाली कंपनी महानगर गैस लिमिटेड ने कहा कि एपीएम मूल्य पर घरेलू गैस के आवंटन में 26 परसेंट की बढ़ोतरी की गई है. इस प्रकार सीएनजी के लिए आवंटन 37 परसेंट से बढ़कर 51 परसेंट हो गया है.
क्यों बढ़ाई गई कंपनियों को गैस की सप्लाई
पिछले साल अक्टूबर और नवंबर में सरकार ने सीमित उत्पादन के चलते सिटी गैस रिटेल सेलर्स को एपीएम गैस (मुंबई हाई और बंगाल की खाड़ी जैसे पुराने क्षेत्रों से निकलने वाली सस्ती प्राकृतिक गैस) की सप्लाई में 40 परसेंट तक कटौती की थी. इसके कारण शहरी गैस वितरण विक्रेताओं ने सीएनजी के दाम दो-तीन रुपये किलोग्राम बढ़ा दिए थे. इसकी वजह यह है कि इन कंपनियों को ऊंची कीमत वाली गैस खरीदनी पड़ी थी. इससे डीजल जैसे वैकल्पिक ईंधन की तुलना में सीएनजी कम आकर्षक रह गई है. इसके बाद पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने 31 दिसंबर, 2024 के अपने आदेश के जरिये जमीन के नीचे और समुद्र के नीचे से उत्पादित गैस के कुछ आवंटन को फिर से व्यवस्थित किया है.
मंत्रालय ने एलपीजी उत्पादन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की गेल और ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) को सप्लाई घटाने का आदेश दिया है और इसकी कुछ मात्रा सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन यूनिट्स को ट्रांसफर की है. इसके अनुसार एलपीजी उत्पादन के लिए रोजाना कुल 25.5 करोड़ मानक घनमीटर गैस का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें 12.7 करोड़ मानक घनमीटर (गेल और ओएनजीसी प्रत्येक के लिए आधा-आधा) को जनवरी-मार्च तिमाही में सीएनजी/पाइपलाइन रसोई गैस (पीएनजी) सेगमेंट में इस्तेमाल के लिए ट्रांसफर करने का आदेश दिया गया है.
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