सरकार ने विमान ईंधन पर बढ़ाई कस्टम ड्यूटी, महंगा हो सकता है हवाई सफर
भारतीय एयरलाइंस पहले से ही ईंधन की बढ़ती कीमतों से परेशान है, उपर से लगातार रुपये की गिरती कीमतों के कारण उनकी संचालन लागत बढ़ गई है
नई दिल्ली: अगर आप आने वाले त्यौहार पर अपने परिवार के साथ एयरलाइंस से कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं तो हो सकता है आपके इस फैसले से आप पर अतरिक्त बोझ पढ़ जाए, क्योंकि सरकार ने एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पर 5 फीसदी की कस्टम ड्यूटी लगाने का फैसला किया है. जिसकी वजह से तेल कंपनियां अगले 3-4 दिनों में एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) का दाम बढ़ाने पर विचार कर रही है.
रूपये की गिरती कीमत है वजह
भारतीय एयरलाइंस पहले से ही ईंधन की बढ़ती कीमतों से परेशान है, उपर से लगातार रुपये की गिरती कीमतों के कारण उनकी संचालन लागत बढ़ गई है. 10 सितंबर को स्पाइस जेट के प्रमुख अजय सिंह ने संकेत दिया था कि अगले कुछ महीनों में किराए में बढ़ोतरी की जा सकती है. अब, एटीएफ पर 5 फीसदी सीमा शुल्क लगाने के सरकार के फैसले से एयरलाइंस को टिकट की कीमतें को बढ़ाने के लिए मजबूर होना पढ़ रहा है.
5 फीसदी कस्टम का मतलब 25 करोड़ रुपये की वृद्धि
एक अनुमान के मुताबिक, 5 फीसदी की बढ़त का मतलब एयरलाइन्स के महीने के ईंधन बिल में 25 करोड़ रुपये की न्यूनतम बढ़त होगी. यह भारतीय एयरलाइंस के मुनाफे को और अधिक नुकसान पहुंचाएगा जो लगभग 90 प्रतिशत सीटें भरने के बावजूद भी फायदे में नहीं है.
जेट एयरवेज ने पिछली तिमाही में 13.23 अरब रुपये का नुकसान दर्ज किया था, जबकि देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने जुलाई में अपने सबसे कम तिमाही लाभ की सूचना दी थी. विमानन परामर्श फर्म सीएपीए इंडिया के मुताबिक, भारतीय एयरलाइंस से इस वित्तीय वर्ष में 1.9 अरब डॉलर तक के संयुक्त घाटे का अनुमान है. आपको बता दें कि भारत दुनिया के सबसे सस्ते घरेलू एयरलाइन बाजारों में से एक है