Pulses Import: भोजन की थाली में कम नहीं होगी दाल, इस तरह से इंतजाम कर रही सरकार
Pulses Import: सरकार ने हाल ही में तुअर, उड़द और मसूर की आयत पर से पाबंदी हटाई थी. कमी के चलते भारत में कीमत बढ़ने लगी थी. देश में होने वाली कुल खपत का लगभग 15 फीसदी हिस्सा सरकार को आयत करना पड़ता है.
Pulses Import: भारत में दालों की मांग पूरी करने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रायसरत है. सरकार ने हाल ही में मोजाम्बिक, मलावी और म्यांमार से दालों का आयात करने के लिए समझोता किया था. अब इंडिया ने दक्षिण अमरीकी देशों का रुख किया है. सरकार ने इस संबंध में अर्जेंटीना और ब्राजील से वार्ता शुरू कर दी है. भारत सरकार की कोशिश है कि इन देशों में तुअर और उड़द दाल की खेती की जाए और उसे भारत को दे दिया जाए.
दक्षिण अमरीकी देशों में दालों की खपत काफी कम
सूत्रों के मुताबिक, भारत और अर्जेंटीना के बीच वार्ता की प्रगति अच्छी दिशा में हो रही है. इंडिया इन देशों में पैदा हुई दालों को खरीदने के लिए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MOU) साइन करेगा ताकि इन दालों को कहीं और न बेचा जाए. हाल ही में ब्राजील के कृषि अधिकारियों ने भारत का दौरा किया था. इस दौरान भारत ने इस सौदे को लेकर चर्चा की थी. सरकार दालों के आयात के लिए कुछ देशों पर निर्भर है. अब इस निर्भरता को सरकार खत्म करना चाहती है. चूंकि, दक्षिण अमरीकी देशों में दालों की खपत काफी कम है. साथ ही दालों को उगाने के लिए एकदम उपयुक्त मौसम भी. इसलिए भारत के लिए ये देश अच्छा विकल्प हैं.
2.28 मिलियन टन दालों का आयात हुआ
इस साल भारत ने 2.28 मिलियन टन दालों का आयात कर लिया है. इसमें 1.08 मिलियन टन मसूर, 0.77 मिलियन टन तुअर, 0.42 मिलियन टन उड़द या काली दाल शामिल है. इसमें से ज्यादातर आयात ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, म्यांमार, मोजाम्बिक, तंजानिया, सूडान और मलावी से किया गया है. ब्राजील में सालाना 3 मिलियन टन दाल का उत्पादन होता है. इससे न केवल घरेलू मांग पूरी हो जाती है. साथ ही वियतनाम, पाकिस्तान और इजिप्ट को निर्यात भी किया जाता है. भारत तुअर दाल की मांग को पूरा करने के लिए इथियोपिया और तंजानिया में संभावनाएं तलाश रही है.
चना और मूंग का पर्याप्त उत्पादन
देश में चना और मूंग का उत्पादन कुल खपत को पूरा कर देता है. हमें इसके आयात की जरूरत नहीं पड़ती. भारत में दालों का उत्पादन तेजी से बढ़ा है. मगर, मांग की पूर्ति नहीं हो पा रही है. सरकार ने हाल ही में तुअर, उड़द और मसूर की आयत पर से पाबंदी हटाई थी. क्योंकि कमी के चलते भारत में कीमत बढ़ने लगी थी. देश में होने वाली कुल खपत का लगभग 15 फीसदी हिस्सा सरकार को आयात करना पड़ता है.
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