Central Government: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि देश को आत्मनिर्भर रत्न एवं आभूषण क्षेत्र की जरूरत है और सरकार घरेलू वृद्धि के अलावा निर्यात प्रोत्साहन के लिए भी इस क्षेत्र पर खास ध्यान दे रही है. गोयल ने 'IIJS सिग्नेचर 2022' के सालाना समारोह को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि भारत रत्न एवं आभूषण क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाना चाहता है लिहाजा घरेलू एवं निर्यात वृद्धि दोनों पर ही खास ध्यान रहेगा.


50 लाख लोगों को मिला रोजगार
गोयल ने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में रत्न एवं आभूषण क्षेत्र का योगदान सात प्रतिशत है और इसमें करीब 50 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है. उन्होंने कहा, "बजट 2022 ने इस क्षेत्र की वृद्धि और वैश्विक रत्न एवं आभूषण कारोबार में भारत की मौजूदगी बढ़ाने की राह प्रशस्त की है." 


जनवरी 2022 में निर्यात 32 अरब डॉलर 
इसके अलावा बजट में प्रस्तावित नीतियों से ई-कॉमर्स के जरिये निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा और छोटे विक्रेता भी इस क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने में मददगार बनेंगे. गोयल ने कहा, "मुझे यकीन है कि यह क्षेत्र चालू वित्त वर्ष के अंत तक 40 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य हासिल करने में सफल रहेगा. गत 31 जनवरी 2022 तक इसका निर्यात 32 अरब डॉलर पर था. इस तरह मार्च के अंत तक रत्न एवं आभूषण निर्यात कोविड-पूर्व स्तर पर पहुंच जाएगा."


कई देशों के प्रतिभागियों ने लिया भाग
चार-दिवसीय इंडिया इंटरनेशनल ज्वैलरी शो सिग्नेचर 2022 में 850 प्रतिभागी शिरकत कर रहे हैं. इसमें अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, नेपाल, उजबेकिस्तान और बांग्लादेश के कारोबारी भी आए हुए हैं.


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