नई दिल्लीः एम्प्लॉयी स्टेट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन यानी ESIC के तहत सरकार कवरेज की सीमा बढ़ा सकती है. इसके जरिए सरकार कर्मचारियों को मेडिकल और कैश बेनेफिट के ज्यादा फायदे देने पर विचार कर रही है. ESIC स्कीम का दायरा बढ़ाकर सरकार ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को इस स्कीम के दायरे में लाने की योजना बना रही है. कई रिपोर्ट्स के मुताबिक ये खबर आई है.
ESIC स्कीम का दायरा बढ़ने का कैसे होगा फायदा
खबरें आ रही हैं कि श्रम मंत्रालय ने कवरेज के लिए कर्मचारियों की मौजूदा सैलरी सीमा में बढ़ोतरी का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को दिया है. इस प्रस्ताव के तहत सैलरी सीमा 21,000 रुपये से बढ़ाकर 30 हजार रुपये करने का प्रस्ताव दिया गया है. इसका सीधा मतलब ये है कि अभी तक जिन एंप्लाइज की सैलरी 21 हजार रुपये या उससे कम थी उन्हें ही ESIC स्कीम के दायरे में रखा गया है. हालांकि जिस नए प्रस्ताव पर काम हो रहा है वो अगर लागू हो जाता है तो ESIC स्कीम के दायरे में 30 हजार रुपये या उससे कम ग्रॉस सैलरी पाने वाले लोग भी शामिल हो जाएंगे.
कैसे काम करती है ESIC
इसके तहत एंप्लाई के मासिक अंशदान की कटौती कर यह सुविधा दी जाती है. ESIC के माध्यम से कर्मचारी के बीमार पड़ने की स्थिति में सैलरी प्रोटेक्शन भी मिलता है. इसके तहत एंप्लाई और उसके परिवार के बीमार होने पर ESIC अस्पताल के माध्यम से फ्री ट्रीटमेंट मिल सकता है. सूत्रों के मुताबिक एंप्लाइज के कवरेज के लिए सैलरी थ्रेशहोल्ड में इजाफा किया जा सकता है. इसी के चलते कवरेज के लिए सैलरी की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है.
अगर सरकार ESIC स्कीम का दायरा 21,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर देती है तो इससे कंपनियों के लिए भी कुछ राहत मिएगी. लॉकडाउन के दौरान मेडिकल इमरजेंसी का बोझ कम होने में मदद मिलेगी. बता दें कि वर्तमान में ESIC स्कीम का फायदा देश की साढ़े बारह लाख कंपनियां हासिल कर रही हैं.
ESIC ने बढ़ाई समयसीमा
ESIC ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान फरवरी और मार्च का ईएसआई अंशदान फाइल करने की समयसीमा को 15 मई 2020 तक बढ़ा दिया गया है. ऐसा एंप्लॉयर्स को हो रही कठिनाइयों को कम करने के विचार के साथ किया गया है.
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