Pension Scheme: रिटायरमेंट के बाद गुजारे के लिए या तो सेविंग्स या पेंशन पर निर्भर रहना पड़ता है. ऐसे में लोगों को पेंशन मिलने में कोई दिक्कत न हो या पेंशन संबंधी किसी भी समस्या का समाधान सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने एक फोरम का गठन किए जाने का फैसला लिया है. सरकार इसके लिए एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पर काम कर रही है, जिसमें शिकायतों के निवारण के लिए ग्रिवियांस रिड्रेसल मैकेनिज्म को भी शामिल किया जाएगा. द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी गई है.
फोरम में कई पेंशन योजनाओं को किया जाएगा शामिल
मामले से परिचित एक अधिकारी ने कहा, सभी के लिए एक कॉमन रेगुलेटरी स्टैंडर्ड की जरूरत है ताकि पेंशन से संबंधित शिकायतों का निपटारा झटपट हो. उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि सरकार की इस पहल में केंद्र सरकार की अलग-अलग एजेंसियों की देखरेख में चल रहीं विभिन्न पेंशन योजनाओं को भी शामिल किए जाने पर विचार किया जा रहा है.
इसलिए जरूरी है यूनिफाइड फोरम
एक दूसरे अधिकारी ने कहा, हमारे देश में पेंशन कवरेज सीमित हैं और नए प्रोडक्ट को डेवलप करने की जरूरत है. चूंकि नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) स्वैच्छिक है और ईपीएफओ के तहत कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में वेतन सीमा 15,000 रुपये प्रति माह है इसलिए कर्मचारियों का एक बड़ा हिस्सा इससे वंचित रह जाता है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रस्तावित फोरम में कवरेज को बढ़ाने के साथ-साथ इनके क्रियान्वयन को सरल बनाने के लिए मौजूदा पेंशन स्कीम्स को एक यूनिफाइड बॉडी के तहत लाए जाने की जरूरत है. अधिकारियों ने इस बात की भी जानकारी दी कि सरकार सभी के लिए एक यूनिवर्सल पेंशन स्कीम लाने की संभावनाओं पर भी विचार कर रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कई और पेंशन प्रोडक्ट के विकास के साथ-साथ इनके बेहतर कोऑर्डिनेशन के लिए एक फोरम के गठन का ऐलान किया था.
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