PAN 2.0 Project: टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को आने वाले दिनों में क्यूआर कोड (QR Code) वाला पैन कार्ड (PAN Card) जारी किया जाएगा. सोमवार 25 नवंबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में PAN 2.0 प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी गई है. लेकिन टैक्सपेयर्स के मन में पैन को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. जिनके पास पहले से पैन कार्ड है क्या उन्हें नया पैन कार्ड लेना होगा? क्या नए पैन में कोई बदलाव संभव हो सकेगा या नहीं? वित्त मंत्रालय ने पैन 2.0 प्रोजेक्ट को लेकर टैक्सपेयर्स के मन में उठ रहे 11 सवालों (Frequently Asked Questions) का जवाब दिया है. 


सवाल - 1 - क्या पैन 2.0 प्रोजेक्ट? 


जवाब- पैन 2.0 प्रोजेक्ट इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट है जिससे टैक्सपेयर्स रजिस्ट्रेशन सर्विसेज के बिजनेस प्रोसेस में नए सिरे से बदलाव लाया जा सके. इसका मकसद लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के माध्यम से पैन सर्विसेज के क्वालिटी में सुधार लाना है. इस प्रोजेक्ट के माध्यम से इनकम टैक्स विभाग पैन अलॉटमेंट, अपडेशन और करेक्शन के प्रोसेस को कंसॉलिडेट करेगा. टैन सर्विसेज (TAN Services) को भी इस प्रोजेक्ट के साथ विलय किया गया है. ऑनलाइन पैन वैलिडेशन सर्विसेज के जरिए वित्तीय संस्थानों, बैंकों, सरकारी एजेंसियों, केंद्र और राज्य सरकारों को विभागों को पैन ऑथेंटिफिकेशन वैलिडेशन की सुविधा प्रदान की जाएगी. 


सवाल -2 - क्या पैन 2.0 मौजूदा सेटअप से अलग है? 


जवाब - इंटीग्रेशन ऑफ प्लेटफॉर्म्स - मौजूदा समय में पैन से जुड़ा सर्विसेज तीन अलग-अलग पोर्टल (ई-फाइलिंग पोर्टल, यूटीआईटीएसएल पोर्टल, प्रोटेन ई-गॉव पोर्टल) पर होस्ट किया गया है और पैन/टैन सर्विसेज को इनकम टैक्स विभाग के एक यूनिफाइड पोर्टल पर अब होस्ट किया जाएगा. पैन और टैन अलॉटमेंट, अपडेशन, करेक्शन, ऑनलाइन पैन वैलिडेशन, अपने एसेसमेंट ऑफिसर को जानें, आधार-पैन लिंकिंग, पैन वेरिफाई करना, ई-पैन के लिए अनुरोध और पैन कार्ड के फिर से रीप्रिंट जैसी सर्विसेज नए पोर्टल पर उपलब्ध होगी. और ये पूरा प्रोसेस टेक्नोलॉजी के माध्यम से पेपरलेस होगा. 


टैक्सपेयर्स फैसिलिटेशन - पैन का अलॉटमेंट, अपडेशन, या करेक्शन पूरी तरह फ्री में किया जाएगा. ई-पैन को रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर भेजा जाएगा. फिजिकल पैन कार्ड के लिए आवेदकों को अनुरोध करते हुए 50 रुपये (घरेलू) जमा कराने होंगे. भारत से बाहर कार्ड की डिलिवरी के लिए 15 रुपया के अलावा इंडिया पोस्ट की ओर से जो चार्ज वसूला जाएगा वो आवेदकों को जमा कराना होगा. 


सवाल - 3 - क्या मौजूदा पैन कार्डधारकों को अपग्रेडेड सिस्टम के तहत  नए पैन के लिए आवेदन करना होगा? और क्या पैन नंबर बदलना होगा? 


जवाब -  मौजूदा पैन कार्ड होल्डर्स को पैन 2.0 प्रोजेक्ट के तहत नए पैन के लिए आवेदन करने की जरुरत नहीं है. 


सवाल - 4. क्या पैन में नाम, स्पेलिंग, पते में बदलाव जैसे करेक्शन को कराना संभव होगा? 


जवाब - अगर पैन होल्डर्स अपने मौजूदा पैन में ईमेल, मोबाइल नंबर, पता या नाम और जन्मतिथि में बदलाव करना चाहते हैं तो ये करेक्शन या अपडेशन करा सकते हैं. और इसके लिए कोई चार्ज नहीं देना होगा. जबतक पैन 2.0 प्रोजेक्ट रोल-आउट नहीं हो जाता है पैन होल्डर्स अपने ईमेल, मोबाइल, पता में बदलाव आधार बेस्ड ऑनलाइन सर्विसेज के जरिए करना सकते हैं. इन यूआरएल पर ये सेवाएं फ्री में उपलब्ध है. 
https://www.onlineservices.nsdl.com/paam/endUserAddressUpdate.html


https://www.pan.utiitsl.com/PAN_ONLINE/homeaddresschange


पैन डिटेल्स में अपडेशन या सुधार के किसी भी अन्य मामले में, पैन होल्डर्स को मौजूदा प्रक्रिया का उपयोग करके या तो फिजिकल सेंटर्स पर जाकर या भुगतान के आधार पर ऑनलाइन आवेदन करके ऐसा कर सकते हैं. 


सवाल - 5 - क्या मुझे पैन 2.0 के तहत अपना पैन कार्ड बदलने की आवश्यकता है?


जवाब - नहीं, पैन कार्ड तब तक नहीं बदला जाएगा जब तक कि पैन धारक कोई अपडेशन या सुधार नहीं चाहते हैं. मौजूदा वैलिड पैन कार्ड पैन 2.0 के तहत वैध बने रहेंगे. 


सवाल - 6 - बहुत से लोगों ने अपना पता नहीं बदला है और उनका पुराना पता  ही बरकरार है. नया पैन कार्ड कैसे डिलीवर किया जाएगा? और नया पैन कार्ड कब तक डिलीवर किया जाएगा?


सवाल - कोई भी नया पैन कार्ड तब तक डिलीवर नहीं किया जाएगा जब तक कि पैन होल्डर्स अपने मौजूदा पैन में किसी अपडेट/सुधार के लिए अनुरोध नहीं करते हैं. जो पैन धारक अपना पुराना पता अपडेट करना चाहते हैं, वे नीचे दिए गए URL पर जाकर आधार आधारित ऑनलाइन सुविधा का उपयोग करके मुफ्त में ऐसा कर सकते हैं. नया पता पैन डेटाबेस में अपडेट हो जाएगा.


https://www.pan.utiitsl.com/PAN_ONLINE/homeaddresschange
https://www.onlineservices.nsdl.com/paam/endUserAddressUpdate.html


सवाल - 7 -  यदि नए पैन कार्ड क्यूआर कोड सक्षम हैं, तो क्या पुराने वाले वैसे ही काम करते रहेंगे? क्यूआर कोड हमारी किस तरह मदद करेगा?


सवाल - क्यूआर कोड कोई नई सुविधा नहीं है, और इसे 2017-18 से पैन कार्ड में शामिल किया गया ह. इसे पैन 2.0 प्रोजेक्ट में डायनेमिक क्यूआर कोड पैन डेटाबेस में लेटेस्ट डेटा को डिस्प्ले करेगा. बिना क्यूआर कोड वाले पुराने पैन कार्ड वाले पैन धारकों के पास मौजूदा पैन 1.0 इको-सिस्टम के साथ-साथ पैन 2.0 में क्यूआर कोड वाले नए कार्ड के लिए आवेदन करने का विकल्प है. क्यूआर कोड पैन और पैन डिटेल्स के वैलिडेशन में मदद करता है. मौजूदा समय में क्यूआर कोड डिटेल्स के सत्यापन के लिए एक विशिष्ट क्यूआर रीडर एप्लिकेशन उपलब्ध है. रीडर एप्लिकेशन को पढ़ने पर, पूरा विवरण, यानी फोटो, हस्ताक्षर, नाम, पिता का नाम / माता का नाम और जन्म तिथि डिस्प्ले हो जाता है. 


सवाल - 8 - बिजनेस रीलेटेड एक्टिविटी में कॉमन बिजनेस आईडेंटिफायर   (Common Business identifier) क्या है?


जवाब - केंद्रीय बजट 2023 में, ये एलान किया गया था कि जिन बिजनेस   प्रतिष्ठानों के लिए पैन का होना जरूरी है, उनके लिए पैन का इस्तेमाल  निर्देशित सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल सिस्टम्स के लिए पहचानकर्ता के रूप में किया जाएगा. 


प्रश्न - 9 -  क्या कॉमन बिजनेस आडेंटिफायर मौजूदा यूनिक टैक्सपेयर आईडेंटिफिकेशन नंबर मसलन पैन की जगह लेगा?


सवाल - नहीं. पैन का इस्तेमाल ही कॉमन बिजनेस आडेंटिफायर के रूप में किया जाएगा. 


सवाल - 10 - यूनिफाइड पोर्टल का अर्थ क्या है?


सवाल - मौजूदा समय में पैन से जुड़ी सेवाएं तीन अलग-अलग पोर्टल पर होस्ट की जाती है. पैन 2.0 प्रोजेक्ट में सभी पैन/टैन से जुड़ी सेवाएं, इकम टैक्स विभाग की सिंगल यूनिफाइड पोर्टल पर होस्ट की जाएंगी. इस पोर्टल पर पैन और टैन से संबंधित सभी एंड-टू-एंड सेवाएं उपलब्ध होंगी, जैसे अलॉटमेंट, अपडेशन, सुधार, ऑनलाइन पैन सत्यापन (ओपीवी), अपने एओ को जानें, आधार-पैन लिंकिंग, अपने पैन को सत्यापित करना, ई-पैन के लिए अनुरोध, पैन कार्ड की रीप्रिंट के लिए अनुरोध शामिल है जिससे प्रक्रियाएं और सरल हो जाएंगी. और आवेदन प्राप्त करने के अलग-अलग तरीकों (ऑनलाइन ईकेवाईसी/ऑनलाइन पेपर मोड/ऑफलाइन) के चलते पैन सर्विसेज की डिलीवरी में देरी, शिकायतों के निवारण में देरी से बचा जा सकेगा. 


सवाल -11 - अगर किसी व्यक्ति के पास एक से अधिक पैन है, उनकी पहचान कैसे की जाएगी और एक्स्ट्रा पैन को कैसे हटाया जाएगा?


जवाब - इनकम टैक्स एक्ट 1961 के प्रावधानों के मुताबिक,  कोई भी व्यक्ति एक से अधिक पैन नहीं रख सकता है. अगर कोई व्यक्ति एक से अधिक पैन रखता है, तो उसे अपने क्षेत्र के एसेसिंग ऑफिसर के ध्यान में लाना होगा और अतिरिक्त पैन को हटाना या निष्क्रिय करवाना होगा. पैन 2.0 में, पैन के लिए संभावित डुप्लीकेट अनुरोधों की पहचान के लिए बेहतर सिस्टम और डुप्लीकेट को हल करने के लिए सेंट्रलाइज्ड और मैकेनिज्म में सुधार के चलते एक व्यक्ति के लिए एक से अधिक पैन रखने की संभावना को कम किया जा सकेगा. 


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