Pulses Hoarding: नहीं सताएगी दालों की मंहगाई, सरकार ने अभी से ही कर ली ये तैयारी
Pulse Prices: बेमौसम बारिश से दलहन फसलों को नुकसान हुआ है. ऐसे में आपूर्ति कम होने की आशंकाओं के बीच व्यापारियों के द्वारा दालों की जमाखोरी किए जाने की खबरें आ रही थीं...
बेमौसम बारिश से फसल के नुकसान के बाद भी इस साल आम लोगों को दाल की महंगाई से राहत मिल सकती है. सरकार ने आने वाले दिनों में दालों की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए अभी से पूरी तैयारी कर ली है. यही कारण है कि दालों खासकर अरहर दाल की कीमतों में बीते कुछ दिनों के दौरान नरमी आई है.
सरकार कर सकती है दखल
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने इसे लेकर व्यापारियों को फिर से सचेत किया. उन्होंने साफ कहा कि व्यापारियों को हर वैसी गतिविधियों से दूर रहना है, जिससे बाजार में दाल की कृत्रिम कमी हो या कमी की आशंकाओं को बल मिले. उन्होंने कहा कि अगर बाजार और व्यापारियों ने सही से व्यवहार नहीं किया तो सरकार मजबूती से दखल देगी.
इस कारण अहम है चेतावनी
उपभोक्ता मामलों के सचिव की यह चेतावनी इस कारण अहम हो जाती है क्योंकि पिछले साल अक्टूबर के दौरान बेमौसम बारिश होने से दालों खासकर अरहर की फसल को नुकसान हुआ था. इस कारण बाजार में अरहर जैसे दालों की आपूर्ति कम है. यह बयान इस कारण भी जरूरी है क्योंकि कुछ व्यापारियों के द्वारा अरहर यानी तुअर दाल की जमाखोरी का प्रयास करने की खबरें आ रही थीं.
भाव में आई है कमी
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने आयातकों, मिलों, स्टॉकिस्टों और व्यापारियों के पास दाल के भंडार की निगरानी के लिए एक समिति गठित की है. यह समिति राज्य सरकारों के साथ तालमेल बिठाकर काम करेगी और पूरे देश में दाल के भंडार पर नजर रखेगी. समिति के गठन के बाद दालों विशेष तौर पर अरहर दाल के भाव में कमी आई है.
इतना होता है इस्तेमाल
आपको बता दें कि दालों की कुल घरेलू मांग में अकेले अरहर यानी तुअर दाल की हिस्सेदारी 13 फीसदी है. इसकी फसल इस बार बेमौसम बारिश से खराब हुई ही है, आने वाले सीजन के लिए भी संकेत ठीक नहीं हैं. अगर मौसम विभाग की अल नीनो का अनुमान सही साबित हुआ तो अगले सीजन में भी अरहर की फसल को नुकसान हो सकता है.
सरकार के पास पर्याप्त भंडार
हालांकि उपभोक्ता मामलों के सचिव ने दावा किया कि लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. सरकार ने व्यापारियों के पास दल के भंडार को लेकर नियमों को सख्त बनाया है और भंडार का खुलासा करना अनिवार्य कर दिया है. इसके बाद कीमतों में नरमी आई है. आने वाले समय की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार के पास पर्याप्त भंडार है.
इतनी कम हुईं कीमतें
कृषि मंत्रालय के एगमार्कनेट पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, तुअर यानी अरहर दाल की थोक कीमतों में सरकार के दखल के बाद अच्छी गिरावट आई है. पोर्टल के अनुसार, महाराष्ट्र के अकोला में अरहर दाल की थोक कीमतें कम होकर 8,700 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई हैं. इस तरह अरहर दाल की कीमतों में करीब 3 फीसदी की गिरावट आई है.
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