Budget 2022-23: वित्तमंत्रालय इस कवायद में जुट गया है कि क्रिप्टो करेंसी के साथ-साथ डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) को भी कुछ रेगुलेटरी दायरे में लाया जाए. इसके लिए वित्त मंत्रालय सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) तीनों के बीच मंथन शुरू हो चुका है.
खतरों से बचाएंगे नए नियम
देश में ऐसे निवेश में अनियंत्रित उतार-चढ़ाव और निवेशकों की सुरक्षा की कमी को देखते हुए इन एसेट्स को लेकर लगातार चिंताएं बढ़ रही है. सरकार की योजना गैर-रेगुलेशन वाले एसेट्स में पारदर्शिता लाने और निवेशकों को लुभाने के लिए कंपनियों की तरफ से बढ़ा-चढ़ाकर किए जाने वाले दावों पर रोक लगाने की है.
खबरों के मुताबिक, केंद्र सरकार डिजिटल गोल्ड को एक सिक्योरिटीज के रूप में कैटेगराइज (वर्गीकृत) करने की योजना पर काम कर रही है. इस नई व्यवस्था के लिए सेबी एक्ट और सिक्योरीटीज कॉन्ट्रैक्टर रेगुलेशन एक्ट में संशोधन किया जा सकता है. अगले साल फरवरी में आम बजट पेश करते हुए इन संशोधन का ऐलान किया जा सकता है.
पीएम ने संभाला मोर्चा
इस बारे में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही शनिवार को बड़ी बैठक कर चुके हैं. उन्होंने क्रिप्टो-एसेट्स पर लंबी अवधि की रणनीति तय करने के लिए रेगुलेटर्स के साथ मंथन किया. इसके बाद वित्त मामलों की स्थायी समिति ने सोमवार को क्रिप्टो-एसेट्स के सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक की ताकि 'क्रिप्टो फाइनेंस से जुड़े अवसरों और चुनौतियों' पर उनके विचारों का पता लगाया जा सके.
रेग्युलेशन पर काम शुरू
गौरतलब है कि डिजिटल गोल्ड पर रेगुलेशन के प्रस्ताव से पहले सेबी ने बीते सितंबर और अक्टूबर में रजिस्टर्ड ब्रोकर्स और इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स पर रोक लगाई थी कि वे डिजिटल गोल्ड और दूसरे गैर-रेगुलेशन वाले एसेट्स में निवेश से जुड़े प्रोडक्ट्स नहीं ऑफर कर सकते हैं. इसी के बाद अब डिजिटल गोल्ड को रेगुलेट करने का प्रस्ताव आया है.
मार्केट रेगुलेटर SEBI ने कहा कि इस तरह के उत्पादों की पेशकश SEBI एक्ट का उल्लंघन है और ऐसा करने पर आर्थिक दंड लगाया जा सकता है और कुछ मामलों में लाइसेंस भी रद्द हो सकता है।
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