Stalled Housing Projects: देश में लाखों ऐसे लोग हैं जिन्होंने सालों पहले अपना सपनों का आशियाना बुक कराया था. लेकिन एक दशक के गुजर जाने के बाद भी वे लोग अपने घर के पजेशन के लिए तरस गए हैं. लेकिन इन अटके हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने और होम बायर्स को जल्द उनके घर की डिलिवरी सुनिश्चित करने की कवायद में सरकार लग गई है. आवसीय और शहरी विकास मंत्रालय ने इन अटके प्रोजेक्ट्स को पूरा करने को लेकर रूप रेखा तैयार करने के लिए नीति आयोग के पूर्व सीईओ और जी20 के शेरपा अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया है. ये कमिटी सरकार को इन अटके हाउसिंग प्रोजेकट्स को पूरा करने को लेकर अपने सिफारिशें और सुझाव देगी.
अमिताभ कांत की अध्यक्षता वाली इस 14 सदस्यीय कमिटी में केंद्र और राज्य सरकार के आला अधिकारी तो शामिल होंगे ही साथ ही इस कमिटी में वित्त मंत्रालय, कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के सचिवों के अलावा, इंसोलवेंसी और बैंकरप्टी बोर्ड के चेयरमैन के अलावा रियल एस्टेट रेग्युलेटर्स के अध्यक्ष, स्वामिह इवेंस्टमेंट फंड, एसबीआईकैप वेंचर्स लिमिटेड के चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर, नोएडा के सीईओ और एनएचबी के एमडी भी शामिल होंगे. ये कमिटी 6 महीनें में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी. कमिटी देशभर में अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने और तय समय में होम बायर्स को फ्लैट्स सौंपने के तरीकों पर अपनी सिफारिशें सौपेंगी.
आवसीय और शहरी विकास मंत्रालय ने इस कमिटी के गठन को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. लेकिन इसकी घोषणा अब जाकर हुई है. आवसीय और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी की अध्यक्षता वाली सेंट्रल एडवाइजरी कमिटी ने अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को जल्द पूरा किए जाने को लेकर सुझाव देने के लिए कमिटी बनाने का फैसला एक साल पहले ही ले लिया था. 12 अप्रैल 2022 को सेंट्रल एडवाइजरी कमिटी के सदस्यों ने सरकार से 2016 के पहले लॉन्च हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने को लेकर कदम उठाने की मांग की थी.
हालांकि सरकार ने फंड के अभाव में अटक चुके हाउिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए स्वामिह SWAMIH ( (Special Window for Affordable and Mid-Income Housing) इंवेस्टमेंट फंड का गठन कर चुकी है. इस फंड को वित्त मंत्रालय ने स्पांसर किया हुआ है और इसे एसबीआईकैप वेंचर्स मैनेज करती है. 2019 में इसके गठन के बाद से 20,550 से ज्यादा अटके हुए फ्लैट्स को पूरा कर होम बायर्स को सौंपा जा चुका है. प्रॉपर्टी कंसलटेंट अनारॉक ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि केवल नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 1.18 लाख करोड़ रुपये के 1.65 लाख फ्लैट्स अटके हुए हैं. ये हाउसिंग प्रोजेक्ट्स 2014 के पहले लॉन्च हुए थे.
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