कोविड संक्रमण से देश में पब्लिक हेल्थ सेक्टर की खराब स्थिति उजागर होने बाद सरकार हेल्थ सेक्टर पर खास ध्यान दे रही है. खबरों के मुताबिक 2021-22 के बजट में सरकार हेल्थ सेक्टर के लिए अलग से फंड का आवंटन कर सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है यह बजट अब तक का सबसे अलग बजट होगा. लिहाजा इस खबर को बल मिला है कि सरकार हेल्थ सेक्टर के लिए अलग से फंड का आवंटन करेगी.


हेल्थ खर्चा बढ़ा लेकिन आय में कमी


कुछ मीडिया खबरों में कहा गया है कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से पब्लिक हेल्थ के मद में सरकार का खर्चा काफी बढ़ गया है. इस पर इकनॉमी में गिरावट ने टैक्स से होने वाली सरकार की आय काफी घटा दी है. लिहाजा सरकार अलग से हेल्थ सेक्टर के लिए पैसे की व्यवस्था करना चाहती है ताकि उसे फंड की कमी न हो. कुछ खबरों में कहा गया है कि सरकार फंड जुटाने के लिए कंपनियों और उच्च आय वर्ग के टैक्सपेयर से कोविड सेस ले सकती है.


इस बार हेल्थ पर जीडीपी का 2.5 फीसदी खर्च करेगी सरकार


सूत्रों के मुताबिक कोरोना और बर्ड फ्लू की वजह से पब्लिक हेल्थ के मद में सरकार का खर्चा बढ़ गया है. ऐसे में इस बार सरकार हेल्थ सेक्टर के फंड के लिए अलग से प्रावधान करने की योजना बना रही है. वित्त वर्ष 2020-21 में हेल्थ एंड एजुकेशन सेस से 56 हजार करोड़ रुपये की वसूली हुई है.लेकिन इस बार के खर्चे को देखते हुए काफी नहीं है. सरकार ने वैसे भी 2021 में हेल्थ सेक्टर में जीडीपी के 2.5 फीसदी खर्च करने का लक्ष्य रखा है. फिलहाल हेल्थ सेक्टर पर कुल जीडीपी का 1.4 फीसदी खर्च हो रहा है.