Rice Export: साढ़े तीन गुना हुआ सुरक्षित भंडार, अब चावल पर निर्यात में ढील दे सकती है सरकार
Curbs on Rice Export: बताया जा रहा है कि एफसीआई के पास सुरक्षित भंडार की आवश्यकता की तुलना में साढ़े तीन गुना चावल का भंडार जमा हो चुका है. इस कारण निर्यात पर रोक हटाए जाने की उम्मीद की जा रही है...
चावल के सुरक्षित भंडार की मात्रा और खरीफ सीजन में शानदार बुवाई को देखते हुए देश से चावल के निर्यात पर लगी पाबंदियां आसान किए जाने की उम्मीद बढ़ गई है. ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार अनुकूल फैक्टर्स को देखते हुए निर्यात पर लगी रोक में ढील देने के बारे में विचार कर रही है. जल्दी ही निर्यात शुरू करने को लेकर सरकार से मंजूरी मिल सकती है.
जल्द होगी मंत्रियों के समूह की बैठक
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार चावल के निर्यात पर लगी रोक को आसान बनाने पर विचार कर रही है. अभी गवर्नमेंट-टू-गवर्नमेंट कॉन्ट्रैक्ट के तहत शिपमेंट की मात्रा बढ़ाई जा सकती है. उसके साथ-साथ पिछले साल लगाए गए कुछ सामान्य प्रतिबंध भी हटाए जा सकते हैं. सरकार राज्यों को भी अतिरिक्त चावल आवंटन कर सकती है. इस संबंध में जल्द ही मंत्रियों के समूह की बैठक हो सकती है.
एफसीआई के पास भंडार में इतना चावल
यह खबर ऐसे समय आई है, जब बताया जा रहा है कि फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के पास चावल का पर्याप्त भंडार जमा हो चुका है. एफसीआई के पास अभी इतना चावल जमा हो चुका है, जो सुरक्षित भंडार के लिए आवश्यक सीमा से साढ़े तीन गुना है. एफसीआई के पास अभी 47.01 मिलियन टन अनाज है, जिसमें 32.98 मिलियन टन चावल और 14.12 मिलियन टन गेहूं शामिल है.
व्यापारी पहले से कर रहे हैं मांग
चावल के व्यापारी लंबे समय से चावल के निर्यात पर लगी रोक को हटाने की मांग कर रहे हैं. इस संबंध में व्यापारियों की पिछले महीने सरकारी अधिकारियों के साथ मुलाकात हुई थी. चावल व्यापारियों ने केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में एफसीआई के पास सुरक्षित भंडार की तय मात्रा से साढ़े 3
गुना भंडार जमा होने का हवाला देते हुए रोक हटाने की मांग की थी.
चावल के निर्यात पर ये पाबंदियां
सरकार ने चावल की कीमतें लगातार बढ़ने के बाद निर्यात पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला किया था. पिछले साल से चावल की थोक महंगाई लगातार 10 फीसदी से ज्यादा बनी हुई थी. सरकार ने टूटे चावल के निर्यात पर अगस्त 2022 में रोक लगाई थी. उसके बाद जुलाई 2023 में गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात को रोक दिया गया था. वहीं अगस्त 2023 से उसना चावल पर 20 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी और बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात दर की पाबंदी लागू है.
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