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कोरोना की मार: एविएशन और हॉस्पेटिलिटी सेक्टर को राहत दे सकती है सरकार
हॉस्पेटिलिटी सेक्टर में बहुत बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला हुआ था लेकिन इंडस्ट्री की हालत खराब होने से बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां खत्म हो गई हैं.
![कोरोना की मार: एविएशन और हॉस्पेटिलिटी सेक्टर को राहत दे सकती है सरकार Government may give relief Package for aviation and hospitilty sector कोरोना की मार: एविएशन और हॉस्पेटिलिटी सेक्टर को राहत दे सकती है सरकार](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/01/31111900/air-hostess-2.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
कोरोना संक्रमण का असर जिन सेक्टरों में सबसे ज्यादा पड़ा है उनमें एविएशन और हॉस्पेटिलिटी सेक्टर सबसे ऊपर हैं. देश में कोरोना संक्रमण को काबू करने के लिए लगाए गए लंबे लॉकडाउन ने इन दोनों सेक्टर की रीढ़ तोड़ दी है. हॉस्पेटिलिटी सेक्टर में बहुत बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला हुआ था लेकिन इंडस्ट्री की हालत खराब होने से बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां खत्म हो गई हैं.उनकी सैलरी कम हुई है. उनके सामने अनिश्चित भविष्य है. इसी तरह का हाल एविएशन सेक्टर का भी है. एयर ट्रैवल पर लंबे समय तक प्रतिबंध होने की वजह से उनकी कमाई काफी घट गई है और अब उनके लिए अपना खर्चा चलाना मुश्किल हो गया है.
हॉस्पेटिलिटी सेक्टर में संकट से बढ़ी बेरोजगारी
एविएशन, टूरिज्म और हॉस्पेटिलिटी सेक्टर की दिक्कतों को देखते हुए सरकार इनके लिए जल्द ही राहत का ऐलान कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक इनसे संबंधित मंत्रालयों में इस पर बातचीत हो रही है. राहत उपायों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक सरकार इन सेक्टरों को टैक्स इन्सेंटिव दे सकती है. सरकार की ओर से इन सेक्टरों को कर्ज मोरेटोरियम भी दिया जा सकता है.
20 लाख करोड़ के पैकेज में एविएशन सेक्टर के लिए मामूली प्रावधान
सूत्रों का कहना है कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जो 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया था उसमें इस सेक्टर के लिए कुछ खास नहीं था. जबकि इस एविएशन और हॉस्पेटिलिटी सेक्टर में बड़ी तादाद पर लोगों को रोजगार मिला हुआ है. लॉकडाउन से सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वालों सेक्टर में ये भी शामिल हैं. हालांकि सरकार अब भी अर्थव्यवस्था को राहत देने के खुल कर खर्च नहीं कर रही है. इसका सबसे ज्यादा रोजगार पर पड़ा है. देश में बेरोजगारी काफी बढ़ गई है. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि रोजगार के मोर्चे पर 2022 से पहले कोई राहत की गुंजाइश नहीं दिख रही है.
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