कोरोना की मारः बुरी तरह लड़खड़ाए सेक्टरों को सरकार दे सकती है राहत पैकेज
प्रिंसिपल इकनॉमिक एडवाइजर संजीव सान्याल ने कहा है कि राहत पैकेज कुछ खास चुनिंदा सेक्टरों को नहीं दिया जाए.कोरोना संक्रमण ने कई सेक्टरों को मुश्किल में डाला है. जरूरत हुई तो इन सभी को राहत पैकेज दिया जाएगा.
कोरोना से बुरी तरह तरह लड़खड़ाए कुछ सेक्टरों को सरकार पैकेज दे सकती है. कहा जा रहा है कि हॉस्पेटिलिटी, टूरिज्म, एयरलाइंस जैसे सेक्टरों को सबसे ज्यादा मदद की जरूरत है लेकिन प्रिंसिपल इकनॉमिक एडवाइजर संजीव सान्याल ने कहा है कि राहत पैकेज कुछ खास चुनिंदा सेक्टरों को नहीं दिया जाए.कोरोना संक्रमण ने कई सेक्टरों को मुश्किल में डाला है. जरूरत हुई तो इन सभी को राहत पैकेज दिया जाएगा.
'परंपरागत न हों राहत उपाय'
संजीव सान्याल ने कहा कि जो सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं उन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राहत के उपाय परंपरागत नहीं होने चाहिए. कुछ लोगों को मानना है कि हॉस्पेटिलिटी और टूरिज्म जैसे सेक्टरों को जीएसटी में छूट देनी चाहिए लेकिन यह तर्कसंगत नहीं है. ऐसे उपायों से एकदम तेजी नहीं आएगी. उन्होंने कहा कि उपाय ऐसे होने चाहिए जिससे बाजार में तेजी आए और लोग खरीदारी करें. उन्होंने कहा कि अगले कुछ महीनों में अर्थव्यवस्था में तेजी देखी जा सकती है क्योंकि लोग त्योहारी सीजन में खरीदारी करते हैं.
'इकनॉमी में सुधारों का दिख रहा असर'
संजीव सान्याल का मानना है कि इकनॉमी में सुधार दिखने लगा है और अगले कुछ महीनों में यह निगेटिव जोन से बाहर आ जाएगी. अगर सरकार के सुधार कार्यक्रम जोर पकड़ते हैं तो अगले साल की पहली छमाही के दौरान इकनॉमी पॉजीटिव जोन में पहुंच सकती है. वैसे इकनॉमी में सुधार के संकेत मिलने लग गए हैं. मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी दिखी है और सर्विस सेक्टर भी रिकवरी के संकेत दिख रहे हैं. पीएमआई में पिछले आठ साल की सबसे बड़ी उछाल दर्ज की गई है. कई राज्यों की ओर से लॉकडाउन में छूट दिए जाने के बाद मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों को बढ़ावा मिला है. इससे फैक्ट्री प्रोडक्शन में सुधार दिखा है.
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