रेवेन्यू जुटाने के लिए कोविड सेस लगा सकती है सरकार, बजट में हो सकता है ऐलान
इंडस्ट्री प्रतिनिधियों ने सरकार से कहा है कोरोना संक्रमण से पैदा दिक्कतों की वजह से कोई नया टैक्स न लगाए. लेकिन अपनी घटी हुई आय की भरपाई के लिए फिलहाल उसके पास कोई रास्ता नहीं दिख रहा है.
कोविड संक्रमण की वजह से इनडायरेक्ट टैक्स में भारी कमी की भरपाई सरकार कोविड सेस लगा कर पूरी कर सकती है. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने जो खर्च किया है, उसके एक हिस्से की भरपाई के लिए सरकार में कोविड सेस लगाने पर विचार हो रहा है. इसके अलावा सरकार वैक्सीनेशन पर 60 से 70 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी.लिहाजा सरकार कोविड सेस या सरचार्ज का ऐलान 1 फरवरी को कर सकती है. 1 फरवरी को ही आम बजट पेश होगा.
इंडस्ट्री ने कहा, कोई नया टैक्स न लगाए सरकार
हालांकि इंडस्ट्री प्रतिनिधियों ने सरकार से कहा है कोरोना संक्रमण से पैदा दिक्कतों की वजह से कोई नया टैक्स न लगाए. लेकिन अपनी घटी हुई आय की भरपाई के लिए फिलहाल उसके पास कोई रास्ता नहीं दिख रहा है. इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक सेस लगाने पर सरकार के अंदर जो शुरुआती बातचीत हुई है, उसमें हाई इनकम वाले लोगों पर लगने वाले डायरेक्ट टैक्स और कुछ इनडायरेक्ट टैक्स में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है.
आय की भरपाई के लिए कई राज्यों ने लगाया है सेस
एक और सुझाव में कहा गया है कि पेट्रोल और डीजल की कस्टम ड्यूटी पर सेस लगाया जाए. जीएसटी प्रशासन जीएसटी काउंसिल के तहत आता है. इसलिए सरकार इस पर इकतरफा सेस नहीं लगा सकती. शुरुआती अऩुमानों के मुताबिक कोविड वैक्सीनेशन पर 60 से 70 हजार करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है.इस बीच कई राज्यों ने कोरोना संक्रमण की वजह से अपनी आय में आई गिरावट की भरपाई के लिए सेस लगाया है. राज्यों का जीएसटी हिस्सा घटने की वजह से उनकी आय घट गई है. झारखंड ने खनिजों पर कोविड सेस लगाया है वहीं पंजाब ने शराब पर सेस बढ़ाया है.
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