हिंदुस्तान जिंक की वेदांता के जिंक ऐसेट्स खरीदने का सरकार ने किया विरोध, 1 महीने के निचले स्तर पर शेयर
Hindustan Zinc: वित्तीय जानकारों का कहना है कि वैल्यूएशन के आधार पर हिंदुस्तान जिंक के बहुलांश शेयरधारकों के लिए वेदांता के जिंक ऐसेट्स खरीदने की डील उनके हित में नहीं है.
Hindustan Zinc: हिंदुस्तान जिंक के शेयर आज महीने के निचले स्तर पर आ गए हैं और इसके पीछे एक बड़ा कारण है. दरअसल केंद्र सरकार ने हिंदुस्तान जिंक की वेदांता के जिंक ऐसेट्स खरीदने की योजना का विरोध किया है. हिंदुस्तान जिंक 2.98 अरब डॉलर (24,649 करोड़ रुपये) में वेदांता लिमिटेड के जिंक ऐसेट्स खरीदने की कवायद कर रही है. केंद्र सरकार का मानना है कि इस डील के वैल्यूएशन पर संशय है.
सरकार ने कहा है कि वो इस प्रस्तावित सौदे के लिए वो कानूनी विकल्पों को तलाशेगी. सरकार ने वेदांता के जिंक ऐसेट्स को खरीदने के लिए हिंदुस्तान जिंक को किसी और तरीके की तलाश करने और कैशलेस तरीके पर काम करने के लिए कहा है.
इस सौदे के बारे में पहले भी मतभेद सामने आ चुके हैं जब कंपनी ने कहा था कि वो मतभेदों को सुलझाने के लिए देश के खनन मंत्रालय के साथ चर्चा करने की योजना बना रही है. चूंकि सरकार ने वेदांता के जिंक ऐसेट्स के वैल्यूएशन को लेकर कई तरह की चिंताएं जताई थीं. सरकार की ओर से नियुक्त किए गए डायरेक्टर्स की ओर से मुख्य तौर पर ये मतभेद सामने आए हैं, जिनके नाम फरीदा नाइक, वीना कुमारी डेरमल और निरुपमा कोटरू हैं.
वेदांता समूह के जिंक ऐसेट्स जो कि दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया में हैं, उनकी पेरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज की लिक्विडिटी को लेकर गंभीर चिंताएं सरकार की ओर से जताई गई हैं. वित्तीय जानकारों का कहना है कि वैल्यूएशन के आधार पर हिंदुस्तान जिंक के बहुलांश शेयरधारकों के लिए ये डील उनके हित में नहीं है. गौर करने वाली बात ये है कि केंद्र सरकार की हिंदुस्तान जिंक में 30 फीसदी हिस्सेदारी है और वेदांता की करीब 65 फीसदी हिस्सेदारी इस कंपनी में है.
किस भाव पर हैं हिंदुस्तान जिंक के शेयर
आज दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर हिंदुस्तान जिंक का शेयर 2.15 रुपये या 0.66 फीसदी की गिरावट के बाद 321.80 रुपये प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहा था.
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