Green Hydrogen Mission: ग्रीन हाइड्रोजन के लिए 13,050 करोड़ रुपये की सहायता देने की तैयारी, 50 रुपये प्रति किग्रा की मिल सकती है मदद
Green Hydrogen: केंद्र सरकार ने नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत 19,744 करोड़ रुपये में से 13,050 करोड़ रुपये की मदद देने की तैयारी कर रही है.
Green Hydrogen Support: केंद्र सरकार ने नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत 19,744 करोड़ रुपये में से 13,050 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की योजना बनाई है. यह फरवरी में घोषित मिशन के तहत ग्रीन हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइजर का उत्पादन करने के लिए कुल 17,490 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करने की योजना बना रही है. इसमें से 4,440 करोड़ रुपये इलेक्ट्रोलाइजर के निर्माण के लिए आवंटित किए जाएंगे.
ग्रीन हाइड्रोजन के लिए सरकार ने पहले वर्ष में 50 रुपये प्रति किग्रा तक की सहायता राशि प्रदान करने की योजना बनाई है. इसे बाद में नीचे लाया जाएगा और तीसरे वर्ष में 30 रुपये प्रति किलोग्राम पर कैप किया जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ग्रीन हाइड्रोजन पर प्रति किलोग्राम पर सहायता राशि देगी.
ग्रीन हाइड्रोजन पर सहायता देने का पूरा प्लान
एक मसौदा में कहा गया है कि केंद्र सरकार योजना के लाभार्थियों का चयन प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा. पहले वर्ष के दौरान सरकार की ओर से सहायता ज्यादा दी जाएगी और बाद में ये धीरे-धीरे कम हो जाएगी. इस योजना के तहत आवदकों को कम से कम 500 मेगावाट ऊर्जा क्षमता विकसित करने का अनुभव होना चाहिए.
ग्रीन हाइड्रोजन कितना उत्पादन करने का प्लान
पिछले चार साल के दौरान 5 लाख टन अमोनिया या मेथनाॅल और एक लाख हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा. ये प्रोत्साहन योजना वित्त वर्ष 2026 में बंद हो जाएगी. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024 की पहली और तीसरी तिमाही में 4 लाख टन क्षमता और अगले वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 4 लाख टन का उत्पादन किया जाएगा.
इलेक्ट्रोलाइजर को लेकर प्लान
इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण के लिए केंद्र पांच साल की अवधि के लिए 4,440 करोड़ रुपये आवंटित करने की योजना बना रहा है. पहले साल के दौरान 4,440 रुपये प्रति किलोवााट होने की संभावना है, जो हर साल कम हो जाएगा. इसमें भाग लेने के लिए आवेदकों को पिछले दो वर्षों में कम से कम 100 मेगावाट का उत्पादन करने का अनुभव होना चाहिए.
बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनवरी में 19,744 करोड़ रुपये के प्रारंभिक खर्च के नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी गई है. घरेलू विनिर्माण का समर्थन करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन में 17,490 करोड़ रपुये रणनीतिक हस्तक्षेप के लिए, पायलट परियोजनाओं के लिए 1466 करोड़ रुपये आदि शामिल है.
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