देश को प्रोडक्शन हब बनाने की बड़ी तैयारी, सरकार ने प्राथमिकता वाले 12 सेक्टर की पहचान की
देश कोे मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की बड़ी तैयारी की जा रही है. सरकार चाहती है कि भारत ग्लोबल सप्लाई चेन की मजबूत कड़ी बने.
देश के आत्मनिर्भर अभियान कार्यक्रमों और मेक इन इंडिया को सफल बनाने के लिए डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेल यानी DPIIT के तहत उद्योग जगत और सरकार के प्रतिनिधियों की एक कमेटी बनाई गई है. कमेटी बैठक कर इस अभियान को आगे बढ़ाने के कार्यक्रम तैयार करेगी.कमेटी भारत को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने का ब्लूप्रिंट तैयार करेगी. इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो कंपोनेंट, फर्नीचर और फुटवियर समेत एक दर्जन सेक्टर को चिन्हित किया गया है. कमेटी की बैठक में आठ और सेक्टर चिनिह्त किए जाएंगे.
मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियां बढ़ाने पर पूरा जोर
इन सेक्टरों में मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों को बढ़ावा देने और चीन जैसे देशों से आयात घटाने के लिए नए सिरे से कोशिश की जाएगी. बैठक में महिंद्रा एंड महिंद्रा के एमडी पवन गोयनका, जेएसडब्ल्यू स्टील के एमडी शेषागिरी राव, पीआई इंडस्ट्रीज के चेयरमैन सलिल सिंघल, फिक्की के चेयरमैन दिलीप चिनॉय और एसोचैम के चेयरमैन दीपक सूद शामिल हैं. सीआईआई के डायरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी भी बैठक में शामिल थे. सरकार की ओर से डीपीआईआईटी के ज्वाइंट सेक्रेट्री मनमीत नंदा, वाणिज्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विद्युत विहारी स्वैन और इनवेस्ट इंडिया के एमडी और सीईओ दीपक बागला शामिल थे.
सरकार और उद्योग प्रतिनिधियों की खास कमेटी
गोयनका को इस कमेटी का चेयरमैन बनाया जा सकता है.बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि भारत की मैन्यूफैक्चरिंग क्षमता, निर्यात और घरेलू खपत कैसे बढ़ाई जाए. बैठक में आयात घटाने के उपायों पर भी चर्चा हुई. कमेटी पिछली तिमाही से एक एक्शन प्लान तैयार करने की कोशिश में है, जिससे कारोबार और अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिल सके.बैठक में चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि सीआईआई ने स्थानीय मैन्यूफैक्चरर्स के बनाई चीजों पर स्टार सिस्टम लागू करने का सुझाव दिया है ताकि लोग भारतीय उत्पादों की खरीदारी को बढ़ावा दें. दूसरे प्रतिनिधियों ने कहा कि भारत के पास इस वक्त अपनी मैन्यूफैक्चरिंग ताकत को बढ़ाने के काफी मौके हैं. बेहतर कार्यक्रम लागू कर भारत को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाया जा सकता है.