नई दिल्ली: उत्पादन में वृद्धि और घरेलू कीमतों में गिरावट को देखते हुए सरकार चीनी से निर्यात शुल्क हटाने पर विचार कर रही है. खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने इसकी जानकारी दी है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके. वर्तमान में चीनी पर 20 फीसदी निर्यात शुल्क लगता है.
पासवान ने पत्रकारों से कहा, 2017-18 सीजन (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी उत्पादन करीब 2.49 करोड़ टन रहने का अनुमान है जबकि पिछले साल यह 2.02 करोड़ टन था. उद्योग को चीनी उत्पादन 2.6 करोड़ टन रहने का अनुमान है. सरकार चीनी उत्पादक राज्यों में गन्ने की आपूर्ति और दूसरी गतिविधियों के आधार पर इसकी समीक्षा करेगी. देश में चीनी की मांग 2.4 से 2.5 करोड़ टन सालाना है.
देश में चीनी का उत्पादन खपत से अधिक रहने की स्थिति को देखते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार पहले ही चीनी पर आयात शु्ल्क को दोगुना करके 100 प्रतिशत कर चुकी है. जिससे विदेशी बाजारों खासकर पाकिस्तान से आने वाली सस्ती चीनी के आयात को रोका जा सके. सरकार ने घरेलू बिक्री के लिए मिलों पर दो महीने के लिए मात्रात्मक प्रतिबंध लगाए हैं. उद्योग की निर्यात शुल्क हटाने की मांग पर पासवान ने कहा, सरकार इस पर विचार कर रही है.
चीनी की घरेलू कीमतों के लागत मूल्य से नीचे जाने पर इस्मा और एनएफसीएसएफ ने खाद्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से पिछले महीने मुलाकात की थी. जिसमें चीनी पर आयात शुल्क 50 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने और सरप्लस चीनी को कम करने के लिये 20 फीसदी निर्यात शुल्क को हटाने की मांग की थी.