सरकार ई-कॉमर्स में एफडीआई नियमों को और कड़ा करने की तैयारी कर रही है. सरकार नए नियमों के जरिये ऑनलाइन मार्केट प्लेस की ओर से बनाई कंपनियों को अपने ही मार्केट प्लेस में ट्रेड करने से रोक सकती है. डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड यानी DPIIT की ओर से जारी एक प्रेस नोट में कहा गया है कि ई-प्लेटफॉर्म को अपने ही प्लेटफॉर्म में सामान बेचने वाली कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति नहीं होगी.


'मार्केट प्लेस पर सभी कंपनियों को मिले बराबर मौका'


विभाग के अधिकारी ने कहा है कुछ ई-कॉमर्स कंपनियां इस संबंध में नियमों का पालन नहीं कर रही हैं और अपने यहां सामान बेचने वाली कंपनियों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से हिस्सेदारी खरीदने में लगी हैं. 2018 में लाए गए प्रेस नोट के मुताबिक ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर सामान बेचने से रोक दिया गया था. उन कंपनियों को भी सामान बेचने से रोक दिया गया था, जिनकी इन्वेंट्री का नियंत्रण इन मार्केट प्लेस के हाथ में होता है. इसमें कहा गया था कि अगर किसी वेंडर की 25 फीसदी से ज्यादा परचेजिंग एक ही मार्केट प्लेस से होती है तो माना जाएगा कि उसकी इन्वेंट्री उसी की ओर से नियंत्रित हो रही है.


एफडीआई नियमों का उल्लंघन कर रही कंपनियों पर कड़ी नजर


ये फैसले ई-कॉमर्स में सभी कंपनियों को बराबरी का मौका देने के लिए किए जा रहे हैं. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने सरकार से कई बार शिकायत की है कि ई-कॉमर्स कंपनियां एफडीआई नियमों का उल्लंघन कर रही हैं. उनका कहना है कि मार्केट प्लेस इस 25 फीसदी वाले नियम का पालन नहीं कर रही हैं. अधिकारियों का कहना है कि इस संबंध में और कड़ा नियम बनाने से पहले ई-कॉमर्स से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स की बैठक करेगी. ई-कॉमर्स किसी कंपनी को इस बात के लिए बाध्य नहीं कर सकतीं के वे सिर्फ उन्हीं के प्लेटफॉर्म पर अपना सामान बेचे.


खुल गया है इंडिगो पेंट्स का IPO, कंपनी जुटाएगी 1000 करोड़ रुपये, क्या आपको निवेश करना चाहिए, जानें


रिटेल में Tata Group का बड़ा दांव, बिग बास्केट में करेगा 1500 करोड़ रुपये का निवेश