Coal India OFS: केंद्र सरकार ने देश की सबसे बड़ी कोयला कंपनी को लेकर एक प्लान बनाया है. सरकार शेयर बाजार के जरिए कोल इंडिया की 3 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है, सरकार यह बिक्री ऑफर फॉर सेल यानी ओएफएस के जरिए करेगी. यह ऑफर फॉर सेल मार्केट के आखिरी स्टॉक प्राइस पर 6.7 फीसदी के डिस्काउंट पर लाया जा रहा है. मनी कंट्रोल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस OFS का साइज 4,000 करोड़ रुपये का होगा.


3 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार


मिली जानकारी के मुताबिक कोल इंडिया में अपनी कुल हिस्सेदारी का सरकार 3 फीसदी हिस्सा बेचेगी. वहीं OFS में संभावित फ्लोर प्राइस 225 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. वहीं कोल इंडिया के स्टॉक का मौजूदा प्राइस BSE पर 241.20 रुपये प्रति शेयर है. ऐसे में संभावित फ्लोर प्राइस मौजूदा शेयर के मुकाबले 6.6 फीसदी पर तय किया गया है. ध्यान देने वाली बात ये है कि ऑफर फॉर सेल के जरिए कंपनी के प्रमोटर कंपनी ने अपनी हिस्सेदारी को कम करते हैं.


सरकारी अधिसूचना के मुताबिक इस ओएफएस के जरिए सरकार कुल 9.25 इक्विटी शेयर बेचेगी जिसकी कुल फेस वैल्यू 10 रुपये प्रति शेयर होगी. यह कुल कोल इंडिया का 1.50 फीसदी हिस्सा होगा. वहीं बाकी बचे 1.50 फीसदी हिस्सेदारी के 9.25 करोड़ शेयर्स को भी ऑफर फॉर सेल के जरिए बेचा जाएगा. बता दें कि कि यह ऑफर फॉर सेल 1 और 2 जून को आएगा. नॉन रिटेल निवेशक 1 जून और रिटेल निवेश 2 जून को इस OFS में निवेश कर पाएंगे.


5 साल बाद बढ़ी है कोयले की कीमत


गौरतलब है कि कोल इंडिया ने एक्सचेंज को यह जानकारी दी है कि नॉन कोकिंग कोयले की कीमतों में आज यानी 31 मई 2023 को इस इजाफे को मंजूरी भी मिल गई है. ध्यान देने वाली बात ये है कि G2 से लेकर G10 ग्रेड तक के कोयले की कीमतों में 8 फीसदी तक का इजाफा हुआ है. इस बढ़ोतरी से कंपनी की कुल इनकम में 2,703 करोड़ रुपये की बढ़त दर्ज की जाएगी.  


कंपनी के तिमाही के नतीजे कैसे रहें-


मई की शुरुआत में ही कंपनी ने तिमाही के नतीजे जारी कर दिए थें. कंपनी का पिछले साल के मुकाबले मुनाफे में 62 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है और यह बढ़कर 28,125 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का मुनाफा उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था. ऐसे में कंपनी ने ऐसे में प्रति शेयर 4 रुपये डिविडेंड का ऐलान किया था. ध्यान देने वाली बात ये है कि कोल इंडिया में केंद्र सरकार की 66 फीसदी हिस्सेदारी है और बाकी हिस्सा पब्लिक शेयर होल्डर के पास है.


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