Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर अलग अलग स्टेकहोल्डर्स से सुझाव लेने के लिए सरकार जल्द ही कंसलटेशन पेपर ( Consultation Paper) जारी कर सकती है. सरकार ने कंसलटेशन पेपर ( Consultation Paper)  तैयार भी कर लिया है. वित्त मंत्रालय ( Finance Ministry) में आर्थिक मामलों के सचिल अजय सेठ ने इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वैश्विक सहमती होना बेहद जरुरी है और भारत दूसरे देशों में जो रेग्युलेशन है उसे ध्यान में रखते हुए क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने पर विचार करेगी. 


क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं पर लगता है टैक्स 
सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दिया है लेकिन इस वर्ष 2022-23 से क्रिप्टोकरेंसी को होने वाले इनकम पर 30 फीसदी टैपिटल गेन टैक्स लगाने का फैसला किया है. साथ क्रिप्टो के लेन देन पर 1 फीसदी टीडीएस का भी भुगतान करना होगा जो एक जुलाई से लागू होने जा रहा है. आपको बता दें जो निवेशक क्रिप्टोकरेंसी को मुनाफे में नहीं भी बेचते हैं उन्हें भी टैक्स चुकाना होगा. ऐसे क्रिप्टो में निवेश करने वाले निवेशकों को एक फीसदी टीडीएस का भुगतान करना होगा जिससे सरकार क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन करने वालों के ठौर ठिकानों का पता लगा सके.


क्रिप्टो को लाभ में बेचने पर 30 प्रतिशत का टैक्स देना होगा. लेकिन लाभ में नहीं बेचने पर भी एक प्रतिशत का टीडीएस देना होगा जिससे ये पता चलेगा कि कहां-कहां क्रिप्टो का लेनदेन हुआ है. क्रिप्टोकरेंसी पर एक फीसदी टीडीएस लगाये जाने का प्रावधान एक जुलाई 2022 से लागू होने जा रहा है. जीएसटी काउंसिल क्रिप्टोकरेंसी पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने पर भी विचार कर रहा है जैसा फिलहाल कैसिनो, लॉटरी और सट्टेबाजी पर लगता है.


क्रिप्टो में लॉस को एडस्ट करने का प्रावधान नहीं
क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों को एक क्रिप्टोकरेंसी से हुए लाभ को दूसरे क्रिप्टोकरेंसी में हुए नुकसान की भरपाई करने की इजाजत नहीं है. उदाहरण के जरिए आपको समझाते हैं मान लिजिए किसी निवेशक ने बिट्कॉइन और एथेरियम दोनों क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है. और उसे बिट्कॉइन में निवेश से 1 लाख रुपये का फायदा होता है और एथेरियम में निवेश से 1 लाख का नुकसान होता है तो भी निवेशक को 1 लाख रुपये पर 30 फीसदी के दर से टैक्स का भुगतान करना होगा.


दरअसल प्रॉपर्टी, शेयरों में निवेश से होने वाले प्रॉफिट लॉस को एडस्ट करने का प्रावधान है. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को इस प्रावधान से अलग रखा गया है. सरकार ने साफतौर पर कहा है कि इनकम टैक्स 1961 की प्रस्तावित धारा 115BBH के प्रावधानों के अनुसार, वीडीए (वर्चुअल डिजिटल एसेट्स) के हस्तांतरण से होने वाले नुकसान को दूसरे वीडीए के हस्तांतरण से उत्पन्न आय के खिलाफ सेट-ऑफ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. धारा 115BBH इनकम टैक्स एक्ट में एक नया प्रस्तावित खंड है जो क्रिप्टोकरेंसी जैसे वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाले लाभ को परिभाषित करता है.  


क्रिप्टो को लेकर घट रहा निवेशकों का उत्साह
एक तरफ क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले निवेशकों को नुकसान हो रहा. इसके बावजूद टैक्स का भार उन पर आ रहा है. जिससे एक अप्रैल से 30 फीसदी टैक्स का प्रावधान अमल में आने के बाद से क्रिप्टो में निवेश करने को लेकर निवेशकों के उत्साह में कमी आई है. 


ये भी पढ़ें


RBI Banknote Survey: जानिए 2,000 रुपये के नोट को लोग क्यों करते हैं नापसंद, आरबीआई के सर्वे में हुआ खुलासा


Counterfeit Notes: आपके पास तो नहीं है जाली नोट, चेक करें अपनी करेंसी, RBI को मिले 11% ज्यादा जाली नोट