रोजगार पर सिटीग्रुप की रिपोर्ट पर सरकार ने जताई आपत्ति, बोली- 5 वर्षों में बेरोजगारी दर में आई गिरावट
Employment Update: सिटीग्रुप के मुताबिक भारत को हर साल 12 मिलियन रोजगार का सृजण करना होगा पर मौजूदा जीडीपी दर के हिसाब से हर साल 8-9 मिलियन ही सालाना रोजगार का सृजण कर पाएगा.
Employment In India: भारत सरकार ने देश में रोजगार सृजण को लेकर सिटीग्रुप (Citigroup) की रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताई है. सिटीग्रुप ने अपने रिपोर्ट में कहा कि 7 फीसदी के दर आर्थिक विकास (Economic Growth) करने के बावजूद भारत पर्याप्त संख्या में रोजगार के अवसर सृजण करने में असफल रहेगा. सिटीग्रुप के इस रिपोर्ट पर श्रम और रोजगार मंत्रालय ( Ministry of Labour & Employment) ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है. मंत्रालय ने कहा कि सिटीग्रुप ने पीएलएफएस (Periodic Labour Force Survey ) और आरबीआई के केएलईएमएस डेटा ( Reserve Bank of India's KLEMS) के संपूर्ण और सकारात्मक डेटा का संज्ञान नहीं लिया है. मंत्रालय ने कहा, वो ऐसी रिपोर्ट को नकारती है जो पब्लिक डोमेन में उपलब्ध सभी ऑधिकारिक डेटा का संज्ञान नहीं लेते हैं.
12 मिलियन सालाना रोजगार करना होगा सृजण
बीते हफ्ते सिटीग्रुप की रिपोर्ट आई थी. इस रिपोर्ट में कहा गया कि 7 फीसदी के दर से तेज विकास करने के बावजूद भारत को अगले एक दशक में अपने बढ़ते वर्कफोर्स के लिए पर्याप्त संख्या में रोजगार के अवसर पैदा करने में मुश्किलों का सामना करना होगा. सिटीग्रुप ने सुझाव दिया, रोजगार के साथ कौशल विकास के लिए दुनिया की सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देश को ठोस कदम उठाने होंगे. सिटीग्रुप के अर्थशास्त्री समीरम चक्रवर्ती और बकार जैदी ने रिपोर्ट में लिखा कि अगले एक दशक में भारत को हर साल 12 मिलियन (1.20 करोड़) रोजगार का सृजण करना होगा जिससे वो लेबर मार्केट में उतर रहे लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध करा सके. पर मौजूदा 7 फीसदी जीडीपी दर के हिसाब से भारत हर साल 8-9 मिलियन (80-90 लाख ) ही सालाना रोजगार का सृजण कर सकेगा. इन अर्थशास्त्रियों ने देश में रोजगार के क्वालिटी को लेकर भी अपनी रिपोर्ट में चिंता जाहिर की है.
सरकार बोली, लेबर मार्केट में आ रहा सुधार
सिटीग्रुप की इस रिपोर्ट को नकारते हुए श्रम एंव रोजगार मंत्रालय ने ने कहा, पीएलएफएस, आरबीआई, ईपीएफओ के आधिकारिक डेटा के मुताबिक लेबर मार्केट इंडीकेटर्स में लगातार सुधार देखने को मिल रहा है. लेबरफोर्स पार्टिसिपेशन रेट (LFPR) और वर्कर पोपुलेशन रेश्यो (WPR) बढ़ा है साथ ही पांच वर्ष में बेरोजगारी दर में गिरावट आई है. ईपीएफओ (EPFO) और एनपीएस (NPS) डेटा पॉजिटिव एम्पलॉयमेंट ट्रेंड्स को सपोर्ट कर रहे हैं. मंत्रालय के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज सेक्टर के विस्तार, इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ के अलावा गिग और प्लेटफॉर्म इकोनॉमी, उभरते भविष्य के लिए बेहतर अवसर पेश कर रहे हैं.
आधिकारिक डेटा का हो इस्तेमाल
मंत्रालय ने आधिकारिक डेटा के इस्तेमाल पर जोर देते हुए आगाह करते हुए कहा, प्राइवेट डेटा सोर्स के सेलेक्टिव इस्तेमाल से भारत में एम्पलॉयमेंट की तस्वीर को लेकर भ्रामक निष्कर्ष सामने आ सकता है. सरकार ने कहा कि वो मजबूत और समावेषी जॉब मार्केट तैयार करने को लेकर समर्पित है और हमारे सामने जो सबूत मौजूद हैं वो बता रहे हैं कि रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में बहुत प्रगति हुई है.
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