नई दिल्लीः 17 अप्रत्यक्ष करों और 23 सेस से आजादी देने वाला गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स यानी जीएसटी आज लॉन्च हो गया. संसद भवन के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री मोदी ने एक साथ बटन दबाकर जीएसटी को लॉन्च किया. सेंट्रल हॉल में इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बनने के लिए कई वीवीआईपी मेहमान मौजूद रहे.


इस बड़े आर्थिक सुधार के कदम से पहले सरकार ने छोटे निवेशकों को झटका दे दिया है. सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घटा दी हैं. इसके तहत पीपीएफ, किसान विकास पत्र और नेशनल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों में 10 बेसिस पॉइंट यानी 0.1 फीसदी की कटौती कर दी है. बता दें कि नई दरें 1 जुलाई यानी कल से लागू हो जाएंगी.


जानें पीपीएफ/किसान विकास पत्र/एनएससी की नई ब्याज दरें
अब पीपीएफ, किसान विकास पत्र पर आपको 7.9 फीसदी की जगह 7.8 फीसदी ब्याज मिलेगा. वहीं किसान विकास पत्र पर आपको अब से 7.5 फीसदी की दर से ही ब्याज मिल पाएगा जो पहले 7.6 फीसदी था.


सीनियर सिटीजन की सेविंग स्कीम पर भी घटीं ब्याज दरें
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम और सुकुन्या समृद्धि योजना पर भी ब्याज दरों में कमी की गई है और इन पर अब 8.3 फीसदी ब्याज मिलेगा. इससे पहले इन सेविंग स्कीम्स पर 8.4 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा था.


हालांकि इन स्कीम्स पर ब्याज घटने के बावजूद इभी भी इनका रेट ऑफ इंटरेस्ट काफी आकर्षक है. पिछले कुछ समय से रिटेल महंगाई नीचे आई है. अप्रैल में जहां सीपीआई (रिटेल महंगाई) 2.99 फीसदी थी वहीं मार्च में ये घटकर 2.1 फीसदी पर आ गई है. इस संदर्भ में देखें तो छोटी बचत योजनाओं पर मिल रहा ब्याज अभी भी आकर्षक है.


क्या है (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) पीपीएफ
देश का कोई भी व्‍यक्ति किसी नेशनल, प्राइवेट बैंक या पोस्‍ट ऑफिस में 15 साल के लिए पीपीएफ खाता खुलवा सकता है. इसमें कम से कम 500 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये सालाना तक जमा कराएं जा सकते हैं. पीपीएफ पर मिलने वाला ब्‍याज भी इंटरेस्ट फ्री होता है और ये इंटरेस्ट रेट हर साल सरकार तय करती है. अभी भी डेट इंस्ट्रूमेंट में पीपीएफ को टैक्‍स बचाने का सबसे बढ़िया जरिया माना जाता है. हालांकि इसमें 6 साल का लॉकइन होता है यानी 6 साल से पहले इस खाते से आप पैसा नहीं निकाल सकते हैं.


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