Central Government: केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाया है. वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को गेहूं निर्यात (wheat export) के लिए पंजीकरण प्रमाणपत्र लेने के नियमों को सख्त कर दिया. इस कदम का मकसद गड़बड़ी करने वाले व्यापारियों द्वारा गलत दस्तावेजों के जरिये धोखाधड़ी की गतिविधियों पर लगाम लगाना है.
जारी किए दिशानिर्देश
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने 19 मई को अपने सभी दिशानिर्देश जारी कर पात्र निर्यातकों को पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने से पहले नियमों का कड़ाई से पालन करने को कहा था. डीजीएफटी को सूत्रों से जानकारी मिली थी कि कुछ निर्यातक पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी कराने को लेकर फर्जीवाड़ा कर पिछली तारीख के साख पत्र जमा कर रहे हैं, जिस पर 13 मई, 2022 या उसके पहले की तारीख है.
DGFT ने कही ये बात
सूत्रों से मिली जानकारी के बाद डीजीएफटी ने दिशानिर्देश जारी किया. निर्यातकों को निर्यात के लिये RC प्राप्त करने को 13 मई या उससे पहले जारी LC के साथ विदेशी बैंकों के साथ संदेश आदान-प्रदान की तारीख जमा करनी होगी. सरकार उन मामलों में गेहूं निर्यात की अनुमति दे रही है, जिसके लिये 13 मई या उससे पहले साख पत्र LoC जारी किये गये थे. 13 मई को खाद्यान्न के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया था.
जारी किया नोटिस
डीजीएफटी के एक नोटिस के मुताबिक, इन कदमों और क्षेत्रीय प्राधिकरणों की उचित जांच प्रक्रिया के बावजूद यह आशंका है कि कुछ निर्यातक ‘अनुचित दस्तावेजों’ के आधार पर पंजीकरण प्रमाणपत्र के लिए आवेदन कर रहे हैं. ऐसे में व्यवस्था में और जांच-परख की जरूरत है. इसमें कहा गया है, ‘‘खामियों को दूर करने के लिये, यह निर्णय किया गया है कि क्षेत्रीय प्राधिकरण सभी साख पत्रों वेरिफाई करेंगे. भले ही उसे मंजूरी मिल गयी हो या प्रक्रिया के अधीन हो. इसके लिये अगर जरूरत पड़ी, पेशेवर एजेंसी की मदद ली जा सकती है.
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