नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल 18 हजार करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी मामले के जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. सरकार ने यह बात नरेश गोयल की याचिक पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में कही. बता दें कि आर्थिक संकट में फंसने के बाद से जेट एयरवेज परिचालन में नहीं है.
जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ने अपने नए आवेदन में कहा, गंभीर अपराध जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने 18,000 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है और वह जांच में एजेंसी को पूरा सहयोग दे रहे हैं. इसलिये वह ऐसे समय विदेश जाने की अनुमति प्राप्त करने पर जोर नहीं देते हैं.
सरकारी वकील ने ये कहा
इस पर, केंद्र सरकार के स्थायी वकील अजय दिग्पॉल ने कहा, ‘‘वह (गोयल) मामले की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.’’ हालांकि, जस्टिस नवीन चावला ने मामले की योग्यता को लेकर तो कुछ नहीं कहा लेकिन मामले को वापस लिया हुआ मानकर खारिज कर दिया.
मामले पर यह सुनवाई इस खबर के बीच हुई कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा विदेशी मुद्रा कानून के कथित उल्लंघन मामले में गोयल के परिसरों की तलाशी ली गई. ईडी के अधिकारियों ने कहा कि इस तलाशी को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत चलाया जा रहा है और इसका उद्देश्य अतिरिक्त सबूत जुटाना है. उन्होंने कहा कि मुंबई और दिल्ली स्थित परिसरों की तलाशी ली जा रही है.
विदेश जाने की शर्त कोर्ट ने 18 हजार करोड़ रुपए रखी थी
इससे पहले, जब गोयल ने कोर्ट से विदेश जाने की अनुमति मांगी थी तो जस्टिस ने कहा था कि अगर वह विदेश जाना चाहते हैं, तो पहले उन्हें 18,000 करोड़ रुपये गांरटी के रूप में जमा करनी चाहिये. अदालत ने गोयल को विदेश जाने की अनुमति देने से इनकार करते हुए याचिका पर केंद्र से जवाब तलब किया था. केंद्र द्वारा अदालत को बताया गया कि यह एक गंभीर धोखाधड़ी का मामला है जिसमें 18,000 करोड़ रुपये का लेनदेन शामिल है और इसकी एसएफआईओ द्वारा जांच की जा रही है.
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