Multiple Tax On Equity: केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है शेयरों के खरीद-फरोख्त पर लगने वाले टैक्स को घटाने की उसकी कोई फिलहाल कोई योजना नहीं है. सरकार ने राज्यसभा में प्रश्नकाल में पूछे गए सवाल के जवाब में ये बात कही है.
राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल ने वित्त मंत्री से सवाल पूछा था कि क्या सरकार शेयरों के खरीद-फरोख्त करने पर लगने वाले टैक्स को घटाने पर विचार कर रही है. तो इस प्रश्न का लिखित में जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री पकंज चौधरी ने कहा कि फिलहाल सरकार के सामने ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. राजमणि पटेल ने सरकार से ये भी सवाल किया कि क्या सरकार शेयरों के खरीद-फरोख्त करने पर कई प्रकार के टैक्स लगाती है जिसमें इनकम टैक्स, जीएसटी, स्टॉंप ड्यूटी और सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स शामिल है?
इस प्रश्न का जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि इनकम टैक्स एक्स 1961 के तहत शेयरों की ट्रेडिंग से होने वाले इनकम पर वैसे ही टैक्स बनता है जैसे बिजनेस या व्यवसाय से होने वाला इनकम पर टैक्स लगाया जाता है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा शेयरों को मुनाफे में बेचने पर जो लाभ होता है उसे कैपिटल गेंस माना जाता है और उसपर कैपिटल गेन टैक्स लगाया जाता है. साथ ही शेयरों के बेचने खरीदने के ट्रांजैक्शन करने पर सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स लगाये जाने का प्रावधान है.
पंकज चौधरी ने कहा कि बिजनेस इनकम या फिर कैपिटल गेन पर इनकम टैक्स वसूला जाता है. सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स, इनकम पर टैक्स नहीं है बल्कि ये एक प्रकार का ट्रांजैक्शन टैक्स है जो अलग नियम से तहत वसूला जाता है. हालांकि वित्त राज्यमंत्री ने साफ कर दिया है शेयरों के बेचने खरीदने पर जीएसटी नहीं लगता है. शेयरों को जीएसटी कानून के तहत गुड्स एंड सर्विसेज के दायरे से बाहर रखा गया है. जीएसटी केवल गुड्स एंड सर्विसेज के सप्लाई पर लगाया जाता है.
आपको बता दें एक साल से ज्यादा अवधि तक किसी शेयर को होल्ड करने के बाद अगर उसे बेचा जाता है तो मुनाफे पर 10 फीसदी कैपिटल गेन टैक्स लगाये जाने का प्रावधान है. और अगर शेयर खरीदने के एक साल के भीतर उसे बेच दिया जाता है तो उसपर 15 फीसदी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगाया जाता है. 2018 में मोदी सरकार इक्विटी पर कैपिटल गेन टैक्स का प्रावधान लेकर आई थी.
ये भी पढ़ें