Wheat-Atta Price Hike: गेहूं और आटा की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने ओपेन मार्केट सेल स्कीम के तहत बुधवार 22 फरवरी 2023 को तीसरे ई-ऑक्शन में 5.07 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचा है. सरकार ने गेहूं 2172.08 रुपये प्रति क्विंटल में बेचा है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि ई-ऑक्शन में गेहूं बेचने के बाद बाजार में कीमतों में नरमी देखी जा रही है और दाम 2200 प्रति क्विंटल तक नीचे आ चुका है.
सरकार का दावा कम हुए दाम
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने अपने प्रेस रिलिज में कहा कि उत्तर प्रदेश में पहली बार ई-ऑक्शन के तहत जब गेहूं बेचा गया था तब 2950 रुपये प्रति क्विंटल भाव चल रहा था जो अब घटकर 2177 रुपये प्रति क्विंटल हो चुका है. यानि केवल 22 दिनों में 773 रुपये प्रति क्विंटल भाव में कमी आ चुकी है. चौथा ऑक्शन 1 मार्च 2023 को होगा. गेहूं के दामों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने पहले अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने का फैसला किया था. जिसे बढ़ाकर अब 50 लाख टन कर दिया गया है. फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानि एफसीआई अपने स्टॉक से खुले बाजार में अब कुल 50 लाख टन गेहूं ओपेन मार्केट सेल स्कीम के तहत बेचेगी. ओपेन मार्केट सेल स्कीम के तहत ज्यादा गेहूं बेचने के पीछे सरकार का मकसद भी है. वो नहीं चाहती कि जब नए मार्केटिंग सीजन की शुरुआत हो तो उस समय गेहूं की कीमत ज्यादा रहे. वर्ना पीडीएस के अलावा दूसरी वेलफेयर स्कीमों के लिए गेहूं खरीद की योजना पर असर पड़ सकता है.
रिटेल मार्केट में महंगा है गेहूं-आटा
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने ये दावा किया है कि गेहूं के दामों में कमी आ रही है लेकिन क्या उपभोक्ताओं को सस्ता आटा मिल रहा है? उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक 23 फरवरी 2023 को गेहूं का औसत मुल्य 33.09 रुपये प्रति किलो था तो आटा का भाव 37.67 रुपये प्रति किलो था. जबकि एक जुलाई 2022 को गेहूं 30 रुपये किलो तो आटा 34 रुपये किलो में मिल रहा था. वहीं रिटेल मार्केट में अभी भी आटा 40 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है. पैक्ड ब्रांडेड आटा 42 से 45 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है. बीते एक साल में आटा के दामों में 40 फीसदी का इजाफा हो चुका है.
15 मार्च से शुरू होगा गेहूं खरीदने का सिलसिला
बढ़ते तापमान से गेहूं के फसल के नुकसान को आशंका जताई जा रही है. हालांकि एफसीआई के चेयरमैन अशोक एम मीणा ने कहा है कि गेहूं की पैदावार इस सीजन में अच्छी रहेगी 2023-24 मार्केटिंग सीजन में सरकार 300 से 400 लाख टन गेहूं अपने स्टॉक के लिए खरीदेगी. हालांकि पिछले वर्ष सरकार केवल 187.92 लाख टन ही गेहूं खरीद पाई थी. इसकी दो वजहें थीं. पहली ये कि किसानों को एमएसपी से ज्यादा दाम मिल रहे थे. दूसरी ये कि तापमान बढ़ने से गेहूं का उत्पादन घट गया था. जबकि 2021-22 में 433.44 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद की गई थी. सरकार का अनुमान है कि मौजूदा रबी सीजन में 112.18 मिलिटन गेहूं का उत्पादन हो सकता है. एफसीआई सरकार की नोडल एजेंसी है जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली और सरकारी की कल्याणकारी योजनाओं के लिए न्यूनत्तम समर्थन मुल्य पर गेहूं की खरीदारी करती है. 15 मार्च 2023 से एफसीआई नए मार्केटिंग सीजन के लिए गेहूं की खरीद शुरू कर देगी.
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