घरेलू बाजार में पिछले दो महीने से महंगाई एक बार फिर से सिर उठाने लग गई है. मई में निचला स्तर छूने के बाद महंगाई लगातार बढ़ रही है और जुलाई महीने में तो 7 फीसदी के पार निकल चुकी है. इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार व्यापार को नियंत्रित करने के लिए लगातार कई कदम उठा रही है. ताजा मामले में बासमती चावल के निर्यात को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया है.
सरकार ने अब 1,200 डॉलर प्रति मीट्रिक टन से कम भाव वाले बासमती चावल के निर्यात पर अब रोक लगा दी है. अब निर्यातक इस दर से महंगे बासमती चावल को ही देश ये बाहर भेज सकेंगे. सरकार इससे पहले भी चावल के निर्यात पर समय-समय पर कई प्रकार की पाबंदियां लगाती रही हैं. ताजा अपडेट के बाद चावल की कई कैटेगरी का निर्यात प्रतिबंधित हो चुका है.
इस कारण लिया गया फैसला
सरकार का कहना है कि प्रीमियम बासमती चावल की आड़ में सफेद गैर-बासमती चावल का अवैध निर्यात किए जाने की आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं. उन आशंकाओं को दूर करने और अवैध निर्यात को रोकने के लिए 1,200 डॉलर प्रति टन से कम दाम के बासमती चावल के निर्यात की अनुमति नहीं देने का फैसला किया गया है.
तात्कालिक है निर्यात पर यह रोक
वाणिज्य मंत्रालय ने इसे लेकर रविवार को एक बयान जारी किया. मंत्रालय ने बताया कि Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority (एपीडा) को 1,200 डॉलर प्रति टन से नीचे के कांट्रैक्ट्स पंजीकृत नहीं करने का निर्देश दिया गया है. बयान के अनुसार, यह फैसला तात्कालिक है. इसके बारे में आगे फैसला लेने के लिए एपीडा के चेयरमैन की अगुवाई में एक समिति बनाई जाएगी. समिति की सिफारिशों के आधार पर ही आगे रोक को जारी रखने या हटाने का फैसला लिया जाएगा.
इन किस्मों के निर्यात पर रोक
सरकार चावल की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने और घरेलू बाजार में आ रही मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठा रही है. सरकार ने पिछले साल सितंबर में टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. पिछले महीने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगाई गई थी. पिछले सप्ताह उसना गैर-बासमती चावल पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया गया था. भारत ने अब गैर-बासमती चावल की सभी किस्मों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.
चीनी के निर्यात पर अपडेट
बीते सप्ताह के दौरान ऐसी भी खबरें सामने आई थीं कि सरकार चीनी के निर्यात पर भी रोक लगाने वाली है. हालांकि सरकार ने बाद में साफ किया कि अभी न तो चीनी के निर्यात पर पाबंदी लगाने के संबंध में कोई फैसला हुआ है और न ही इस संबंध में कोई विचार चल रहा है. सरकार ने कहा था कि मौजूदा सीजन में गन्ने की फसल कैसी होती है, उसी के आधार पर चीनी के निर्यात के संबंध में कोई फैसला लिया जाएगा.
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