Windfall Tax: देश में घरेलू स्तर पर उत्पादित क्रूड ऑयल पर विंडफॉल टैक्स की वापसी हो गई है. मंगलवार को सरकार ने घरेलू कच्चे तेल पर 6,400 रुपये का विंडफॉल टैक्स लगाया है. इसके अलावा डीजल के निर्यात पर एक्सपोर्ट ड्यूटी खत्म कर दी है. वहीं पेट्रोल और एविएशन टरबाइन फ्यूल को विंडफॉल टैक्स पर मिलने वाली छूट जारी रहेगी.
देश में उत्पादित कच्चे तेल पर फिर से विंडफॉल टैक्स
सरकार ने देश में उत्पादित कच्चे तेल पर फिर से विंडफॉल टैक्स लगा दिया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन के दाम में तेजी के साथ यह कदम उठाया गया है. वहीं डीजल के निर्यात पर शुल्क को घटाकर शून्य कर दिया गया है. मंगलवार18 अप्रैल को जारी आधिकारिक आदेश के मुताबिक, ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित कच्चे तेल पर अब 6,400 रुपये प्रति टन का शुल्क लगेगा.
चार अप्रैल को कच्चे तेल पर घटा था विंडफॉल टैक्स
इससे पहले, चार अप्रैल की समीक्षा में देश में उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को घटाकर शून्य कर दिया गया था. इसका कारण वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम घटकर 75 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आना था.
हाल ही में आई कच्चे तेल के दाम में तेजी
हालांकि, उसके बाद तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और रूस जैसे उसके सहयोगी देशों के उत्पादन में कटौती की घोषणा के बाद कच्चे तेल के दाम में तेजी आई. आदेश के मुताबिक, सरकार ने डीजल के निर्यात पर कर 50 पैसे प्रति लीटर से घटाकर शून्य कर दिया है. विमान ईंधन एटीएफ के निर्यात पर शुल्क शून्य बना रहेगा. इस बारे में इक्रा के उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख (कॉरपोरेट रेटिंग) प्रशांत वशिष्ठ ने कहा, "पिछले महीने कच्चे तेल के दाम में नरमी रही. इसलिए चार अप्रैल, 2023 की समीक्षा में विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को घटाकर शून्य कर दिया गया था."
उन्होंने कहा, "ओपेक और उसके सहयोगी देशों के कच्चे तेल के उत्पादन में 11.6 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती की घोषणा के बाद इसके दाम में तेजी आई है." इसको देखते हुए विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) को शून्य से बढ़ाकर 6,400 रुपये प्रति टन (10.6 डॉलर प्रति बैरल) किया गया है.
उत्पाद शुल्क से सरकार को होगी अच्छी कमाई
इक्रा का अनुमान है कि सरकार को इस उत्पाद शुल्क से 2023-24 में करीब 15,000 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे. कीमतों के आधार पर ईंधन पर कर दरों की हर पखवाड़े समीक्षा की जाती है. सरकार ने एक जुलाई, 2022 से कच्चे तेल के उत्पादन और पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाया था. इससे बीते वित्त वर्ष में लगभग 40,000 करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है.
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