Tur Price: तुअर और उड़द की कीमतों में आएगी गिरावट? सरकार ने उठाया ये कदम
केंद्र सरकार ने दालों की कीमत कम करने के लिए एक खास फैसला लिया है, जिससे तुअर और उड़द के दाम कम हो सकते हैं.
देश में तुअर और उड़द के दाम अभी उच्च रेट पर बने हुए हैं. इस बीच, सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे दाल की कीमत कम हो सकती है. सरकार ने फैसला किया है कि वह तुअर और उड़द की दालों पर लगाई गई स्टॉक होल्डिंग सीमा को 31 अक्टूबर से आगे बढ़ाएगी.
रिपोर्ट में बताया गया कि उत्पादन में गिरावट और आयात में सुस्ती की संभावनाओं के साथ जून में लगाई गई दालों की किस्मों के लिए स्टॉक होल्डिंग सीमा को कम से कम तीन महीने के लिए बढ़ाया जाएगा. उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार, तुअर की मॉडल खुदरा कीमतें साल की शुरुआत की कीमतों की तुलना में बुधवार को 45 फीसदी बढ़कर 160 रुपये प्रति किलो हो गई हैं. हालांकि कई सेंटर्स पर रिटेल प्राइस 170 रुपये प्रति किलो से ज्यादा हो गई हैं.
सोमवार को मॉडल उड़द की रिटेल प्राइस 110 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो छह महीने पहले की कीमतों की तुलना में 10 फीसदी की बढ़ोतरी है. सरकार ने थोक विक्रेताओं के लिए 200 टन, खुदरा विक्रेताओं के लिए 5 टन, प्रत्येक खुदरा दुकानों पर 5 टन और बड़ी चेन के खुदरा विक्रेताओं के लिए डिपो पर 200 टन की स्टॉक होल्डिंग सीमा लगाई थी.
आयातकों के लिए स्टॉक होल्डिंग सीमा सीमा शुल्क निकासी की तारीख से 30 दिनों से अधिक स्टॉक रखने पर रोक लगाती है. महाराष्ट्र के लातूर में तुअर की मंडी कीमतें वर्तमान में 11,500 रुपये प्रति क्विंटल के करीब हैं, जो 2016 के बाद 7,000 रुपये क्विंटल के मिनिमम सपोर्ट प्राइस के मुकाबले सबसे ज्यादा है.
व्यापारियों के मुताबिक मांग बढ़ने के कारण अगले महीने कीमतें और बढ़ने की उम्मीद है, जबकि कम बारिश और कम खरीफ क्षेत्र के कारण घरेलू फसल कम होने की उम्मीद है. दिसंबर तक करीब 0.1 मिलियन टन तुअर दाल की मासिक आपूर्ति होने की उम्मीद है, जो कीमतों को कम करने के लिए पर्याप्त नहीं होगी. कृषि मंत्रालय के अनुसार, इस साल बुआई 5.6% कम होकर 43 लाख हेक्टेयर रही है और फसल की कटाई नवंबर तक होने की उम्मीद है.
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