नई दिल्ली: ई कॉमर्स कंपनियां अब अपने प्लेटफार्म पर एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट नहीं बेच पाएंगी. केंद्र सरकार की ओर से नए निर्देश के बाद नियमों को और सख्त कर दिया गया है. पहले अक्सर ऐसा देखने को मिलता था कि नए फोन या कोई भी प्रोडक्ट्स सिर्फ चुनिंदा ईकॉमर्स साइट पर ही लॉन्च होते थे लेकिन लेकिन सरकार की ओर से नए निर्देश आने के बाद कई भी आइटम अब एक्सक्लूसिव प्लेटफॉर्म पर नहीं बिक सकेगा. साथ ही ई-कॉमर्स कंपनियां भी अब अपने विक्रेताओं पर दबाव नहीं डाल सकतीं और विक्रेता अपना माल एक साथ कई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बेच सकेंगे.
सरकार की ओर से ऑनलाइन कंपनियों को लेकर जारी निर्देश 1 फरवरी 2019 से लागू होंगे. सरकार के इस कदम के बाद ऑफलाइन कंपनियों में समानता देखने को मिल सकती है. नए निर्देश के बाद अब किसी भी कंपनी में अगर ई-कॉमर्स कंपनी की हिस्सेदारी है तो वो कंपनियां अपना या सब्सिडियरीज का माल नहीं बेच सकेंगी.
इतना ही नहीं ग्राहकों की संतुष्टि को लेकर अब विक्रेता को भी जिम्मेदार ठहराया गया है. कंपनियां दाम घटाने के लिए विक्रेताओं पर दबाव भी नहीं डाल पाएगा. मतलबा अब भारी भरकम डिस्काउंट पुरानी बात हो जाएगी. साथ ही कैशबैक को लेकर भी नियमों में पारदर्शिता लाई जाएगी.
बता दें कि कई फेस्टिव सीजन और अन्य मौकों पर ई कॉमर्स कंपनियां अपने हिसाब से ग्राहकों के लिए एक्सक्लूसिव आईटम और कीमतों में भारी छूट के बाजर में पहुंच जाती है. इस कारण अन्य कंपनियों को ग्राहकों और उनसे मिलने वाले प्रॉफिट का नुकसान झेलना पड़ता है.
कई मौकों पर देखा गया है कि बड़ी ई कॉमर्स कंपनियां किसी खास प्रोडक्ट को अपने प्लेटफॉर्म पर जगह देती है इस कारण ग्राहक उस प्रोडक्ट को किसी अन्य जगहों से नहीं खरीद पाते हैं. साथ ही एक्सक्लूसिव आईटम होने के कारण यह बाजार में किसी स्टोर पर भी नहीं मिल पाती है. ऐसे में ऑफलाइन खरीदारी करने वालों को निराशा हाथ लगती थी.
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