PMLA Rules: सरकार ने पीएमएलए नियमों को और सख्त कर दिया है. अधिकारिक आदेश के मुताबिक राजस्व विभाग ने बैंकों, स्टॉक ब्रोकरों और बीमाकर्ताओं जैसी संस्थाओं के लिए दायित्वों को और अधिक सख्त बनाने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी कानून के तहत नियमों को कड़ा किया है. 


राजस्व विभाग की ओर से लाए गए मनी लॉन्ड्रिंग दूसरा संशोधन नियम अधिक प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करना है. राजस्व विभाग की ओर से किए गए इस नियम संशोधन के मुताबिक अब कंपनी में 10 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाला भी लाभकारी मालिकों के कैटेगरी में आएंगे. इसका मतलब है कि 10 फीसदी हिस्सेदारी वाले को भी कंपनी का लाभ मिलेगा. पहले ये ​सीमा 15 फीसदी तय की गई थी.


सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम नियम-2005 में बदलाव किया है. इस नियम के तहत रिपोर्टिंग यूनिट के प्रमुख अधिकारी साझेदारी फर्मों के लाभकारी मालिक और रिपोर्टिंग संस्थाओं की ओर से रिकॉर्ड की सूची को परिभाषित करता है. मुख्य अधिकारी वित्तीय खुफिया इकाई को जानकारी देने के लिए जिम्मेदार हैं. 


संशोधनों का उद्देश्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों जैसी रिपोर्टिंग संस्थाओं के ग्राहकों की पारदर्शिता में सुधार करना भी है. एक रिपोर्टिंग इकाई को यह बताना होगा कि क्या कोई ग्राहक किसी लाभकारी स्वामी की ओर से कार्य कर रहा है और खाता-आधारित संबंध शुरू करने के समय लाभकारी मालिक की पहचान की जांच करता है. 


यह भी कहा जा रहा है कि इस बदलाव के तहत वे भी शामिल होंगे जिनके पास 10 फीसदी से कम की हिस्सेदारी या मुनाफा शामिल है. सिर्फ 10 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाले को ही इसका लाभ नहीं दिया जाएगा. 


ट्रांजैक्शन के रखने होंगे रिकॉर्ड 


सख्त हुए नियम और निगरानी के मुताबिक, अब रिपोर्टिंग यूनिट को ग्राहकों के लेनदेन के विश्लेषण का रिकॉर्ड भी बनाए रखना होगा. इससे पहले वित्त मंत्रालय ने मई 2023 में पीएमएलए प्रावधानों में बदलावों को अधिसूचित किया था. इसके तहत चार्टर्ड और कास्ट अकाउंटेंट व कंपनी सचिवों को अपने ग्राहकों से कुछ विशेष वित्तीय लेनदेन के लिए एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत उत्तरदायी बनाया गया था. इस लेनदेन के तहत किसी भी संपत्ति की खरीद बिक्री और बैंक खातों को प्रबंधन शामिल है. 


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