सरकार ने नौकरियों में इजाफा करने के लिए बृहस्पतिवार को नए कदम का ऐलान किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ने 'आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना' का ऐलान करते हुए कहा कि सरकार अब एक हजार कर्मचारियों तक की संख्या वाली कंपनियों में नौकरी शुरू करने वाले कर्मचारी के पीएफ कंट्रीब्यूशन का दोनों हिस्सा देगी. यानी सरकार ही कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का हिस्सा देगी.
इसका मतलब यह कि कर्मचारी का 12 और नियोक्ता का 12 फीसदी यानी 24 फीसदी का कंट्रीब्यूशन केंद्र सरकार करेगी. हालांकि कर्मचारी की सैलरी 15 हजार रुपये से कम होनी चाहिए. नए कर्मचारी के दायरे में वो लोग आएंगे जिनका अभी तक ईपीएफओ रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है और जिनकी 1 मार्च से 30 सितंबर तक के बीच नौकरी चली गई है.
योजना 1 अक्टूबर, 2020 से लागू
सरकार की योजना 1 अक्टूबर, 2020 से लागू मानी जाएगी और जून, 2021 तक जारी रहेगी. वित मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह स्कीम रोजगार बढ़ाने के लिए लाई गई है. आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना नाम की इस स्कीम के तहत नौकरियां बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है ताकि कोविड-19 से पस्त इकनॉमी को रफ्तार मिल सके. सरकार का मानना है कि इससे कंपनियां ज्यादा लोगों को रोजगार देगी क्योंकि पीएफ कंट्रीब्यूशन न देने से उनकी लागत घट जाएगी.
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