वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में सरकार का सबसे ज्यादा जोर इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर होगा. दरअसल कोरोना संक्रमण के बाद आर्थिक मंदी की वजह से देश मे बड़े पैमाने पर रोजगार में कमी आई है. सरकार का मानना है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा कर सकती हैं, लिहाजा इन परियोजनाओं के लिए वह ज्यादा से ज्यादा राशि का प्रावधान कर सकती है.
वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों से इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओंं की लिस्ट मांगी
मीडिया में छपी कुछ खबरों के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों से इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की लिस्ट मांगी है,जिनमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया जा सके. लिस्ट देते समय इन बातों का पूरा ब्योरा देने के लिए कहा गया है, ये परियोजनाएं कितने समय में पूरा हो सकती हैं. इनके लिए कितना पैसा चाहिए और ये कब शुरू हो सकती हैं. पीएमओ ने वित्त मंत्रालय से साफ तौर पर कहा है कि इस बार के बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर जोर दिया जाए. अगर प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए फंड की कमी आ रही है तो ज्यादा पैसा मुहैया कराया जाएगा.
इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर बड़े पैमाने पर होगा निवेश
सरकार की कोशिश है कि जीडीपी ग्रोथ की रफ्तार बढ़ाई जाए और इसके लिए पूरा जोर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर लगाया जाए. इससे एक तो जीडीपी ग्रोथ को रफ्तार मिलेगी वहीं दूसरी ओर ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा. देश में इलेक्ट्रिसिटी, रोड, टेलीकम्यूनिकेशन, रेलवे, सिंचाई, वॉटर सप्लाई, पोर्ट, स्टोरिंग फैसिलिटी, तेल और गैस सप्लाई के सेक्टर में बड़े निवेश की जरूरत है ताकि बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार दिया जा सके.
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