Government Borrowing Plan: भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक से सलाह मशविरा कर वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही के दौरान बाजार से उधार लेने के कार्यक्रम का खाका पेश किया है.  2024-25 के लिए पेश किए गए बजट में केंद्र सरकार ने 14.13 लाख करोड़ रुपये उधार लेने का अनुमान जताया है जिसमें से 7.50 लाख करोड़ रुपये यानि कुल उधार का 53.08 फीसदी अप्रैल से सितंबर छमाही के दौरान जुटाये जाने की योजना है. इस बार सरकार 12000 करोड़ रुपये सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी कर बाजार से उधार जुटाने जा रही है.   


वित्त मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर एक अप्रैल 2024 से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष के दौरान केंद्र सरकार के उधार लेने के कार्यक्रम का खाका जारी किया है. सरकार के बयान के मुताबिक मार्केट से मिले फीडबैक के आधार पर और ग्लोबल मार्केट प्रैक्टिस को देखने हुए 15 साल की अवधि वाले नए डेटेड सिक्योरिटीज जारी करने का फैसला लिया गया है. 15 साल की अवधि वाले बॉन्ड जारी कर सरकार 1.04 लाख करोड़ रुपये जुटाने जा रही है जो कि सरकार द्वारा बाजार से जुटाये जाने वाले कुल उधार का 13.87 फीसदी है.   


सरकार ने बताया कि 7.50 लाख करोड़ रुपये पहली छमाही के दौरान बाजार से उधार लेकर जुटाया जाएगा उसे आरबीआई के जरिए 26 हफ्तों के दौरान साप्ताहिक ऑक्शन के जरिए जुटाया जाएगा. सरकार उधार लेने के लिए 3, 5, 7, 10, 15, 30, 50 और 50 साल की अवधि वाले बॉन्ड जारी करेगी. 


भारतीय रिजर्व बैंक सरकार के उधार लेने के कार्यक्रम को मैनेज करती है. हर हफ्ते शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक बॉन्ड जारी कर ऑक्शंस के जरिए सरकार के लिए उधार जुटाती है. सरकार के लिए उधार लेने के कार्यक्रम को बेहद अहम माना जाता है. सरकार बॉन्ड के जरिए बाजार से उधार लेकर अपने वित्तीय घाटे को पूरा करती है. 


अप्रैल से सितंबर छमाही के दौरान सरकार हर हफ्ते 22000 से लेकर 38000 करोड़ रुपये तक बॉन्ड जारी कर रकम जुटाएगी. 12000 करोड़ रुपये सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी कर जुटाया जाएगा. 


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