सरकार ने एलआईसी की 25 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर ली है. इस फैसले को कैबिनेट की मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा है. सरकार एलआईसी में हिस्सेदारी बेचने के लिए संशोधन बिल लाएगी. एलआईसी के आईपीओ के लिए बाजार के सही हालात का इंतजार किया जा रहा है. रॉयटर्स की एक खबर के मुताबिक वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि सरकार किस्तों में एलआईसी की हिस्सेदारी बेचेगी.


नकदी संकट से निजात पाने की कोशिश 


एलआईसी में हिस्सेदारी बेच कर सरकार नकदी जुटाने की कोशिश में लगी है ताकि कोरोनावायरस संक्रमण से बुरी तरह लड़खड़ा चुकी अर्थव्यवस्था की पटरी पर लाया जा सके. सरकार के पास खर्च करने के लिए पैसे नहीं है. उसका राजकोषीय घाटा पहले ही जीडीपी के 3.5 फीसदी से ज्यादा की ओर बढ़ रहा है. सरकार ने अपने विनिवेश कार्यक्रम से 2.1 लाख करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य रखा था लेकिन अभी तक सिर्फ 57 अरब रुपये ही जुट पाए हैं.


आईपीओ के लिए एसबीआई कैपिटल सलाहकार नियुक्त 


सरकार ने एलआईसी के आईपीओ के लिए डेलायट टच और एसबीआई कैपिटल सलाहकार के तौर पर चुनाव किया है. ये सलाहकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के पूंजी स्ट्रक्चर का मूल्यांकन करेंगे. आईपीओ प्लान के मुताबिक सरकार की 200 अरब रुपये की अधिकृत पूंजी को 20 अरब शेयरों में विभाजित किया जाएगा. विनिवेश के लिए गठित सरकार की कमेटी यह तय करेगी कि एलआईसी के लिए कितना बड़ा आईपीओ लाया जाए. हालांकि कमेटी की ओर यह जाहिर नहीं किया गया है कि आईपीओ कब लाया जाएगा.