अब 'उन्नति' के जरिये नौकरियां देने का प्लान, सभी सरकारी जॉब पोर्टल अब एक प्लेटफॉर्म पर आएंगे
सरकार का कहना है कि वह उन्नति पोर्टल को नौकरी संबंधित सभी तरह की सूचनाओं एक वन स्टॉप सेंटर बनाना चाहती है.
सरकार अपने सभी जॉब पोर्टल का इंटिग्रेशन करने पर विचार कर रही है. वह इस तरह के अपने सभी पोर्टल को नीति आयोग के 'उन्नति' पोर्टल से जोड़ सकती है. इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक सरकार के अंदर इसकी योजना बन रही है. सरकार का कहना है कि वह उन्नति पोर्टल को नौकरी संबंधित सभी तरह की सूचनाओं का एक वन स्टॉप सेंटर बनाना चाहती है. पोर्टल पर ब्लू और ग्रे कॉलर वर्कर्स की नौकरियों संबंधित सभी तरह की जानकारी मुहैया कराई जाएगी. इसमें इलिजिबिलिटी, स्किल सेट और अन्य सभी संबंधित जानकारियों का पूरा ब्योरा होगा. इससे नौकरी तलाशने वालों और नौकरी देने वाले एक मोबाइल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ जाएंगे.
ब्लू और ग्रे कॉलर कामगारों के लिए खास सहूलियत
इससे कंपनियों को अपनी जरूरत के अनुसार कामगार ढूंढने में मदद मिलेगी. कोविड-19 को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन के बाद हजारों वर्कर अपने घर लौट गए हैं. इसके चलते कई उद्योगों को अपना काम जारी रखने में दिक्कत हो रही है. वे नए कामगार ढूंढ रहे हैं. कई मंत्रालय अपना-अपना जॉब पोर्टल चलाते है. श्रम मंत्रालय नेशनल करियर सर्विस (एसीएस) पोर्टल चलाता है. जबकि कौशल विकास मंत्रालय असीम पोर्टल का संचालन करता है.
60 हजार नौकरी देने वाले जोड़े जाएंगे
इन दोनों पोर्टल का मकसद नौकरी संबंधी जानकारी देना है. सरकार के टॉप अधिकारियों के अनुसार, उन्नति का डेटा बेस नौकरी खोजने वाले 22 करोड़ लोगों का होगा. एनसीएस और असीम के डेटा को उन्नति के साथ इंटिग्रेट किया जाएगा. शुरू में पोर्टल के साथ 60 हजार नौकरी देने वालों को जोड़ा जाएगा. उन्नति को एक बड़ा जॉब पोर्टल के तौर पर पेश करने का मकसद है, जो खासतौर से देश में ब्लू और ग्रे कॉलर कामगारों की जरूरतों को पूरा करे. शेफ, टाइपिस्ट, स्टेनोग्राफर, फायरफाइटर आदि ग्रे कॉलर वर्कर्स में आते हैं. वहीं, कंस्ट्रक्शन वर्कर, मशीन ऑपरेटर, ट्रक ड्राइवर वगैरह की गिनती ब्लू कॉलर वर्कर्स में होती है.