Wheat Price Hike: महंगाई कम करने के लिए आटा मिलों और बिस्कुट कंपनियों को सस्ते दामों पर गेहूं बेचेगी सरकार
Wheat Prices: सरकारी एजेंसी एफसीआई 12 फीसदी कम कीमतों पर ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत गेहूं बेचेगी जिससे कीमतों पर लगाम कसी जा सके.
Wheat Price Hike: गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों में आटा और बिस्कुट उपलब्ध कराने के लिए सरकार अपने रिजर्व से आटा मिलों और बिस्कुट बनाने वाली कंपनियों जैसे बल्क कंज्यूमर्स को गेहूं बेचने की तैयारी में है. केंद्र सरकार ने कीमतों पर नकेल कसने के लिए एफसीआई (Food Corporation of India) को अपने इंवेटरी से गेहूं बेचने की अनुमति दे दी है जिससे बाजार में गेहूं की सप्लाई को बढ़ाई जा सके.
फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ओएमएसएस (OMSS) के तहत गेहूं बेचेगी. अगले महीने से एफसीआई 23,250 रुपये प्रति टन के भाव पर गेहूं बेचेगी जो बाजार में मौजूदा भाव से 12 फीसदी सस्ता है. हालांकि ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत कितना गेहूं बेचा जाएगा ये फिलहाल तय नहीं हुआ है. पिछले वर्ष भी गेहूं की कीमतों में तेजी के बाद एफसीआई ने बल्क कंज्यूमर्स और प्राइवेट प्लेयर्स को गेहूं बेचा था. वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान एफसीआई ने ओपन मार्केट में 10 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं बेचा जो कि रिकॉर्ड है.
रॉयटर्स के रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई स्थित ग्लोबल ट्रेडिंग हाउस से जुड़े डीलर ने बताया कि एफएसआई की ओर से सस्ती कीमतों पर गेहूं ऑफर करने के कारण कई प्राइवेट प्लेयर्स बड़ी मात्रा में गेहूं खरीदने में रुचि दिखा सकते हैं. भारत में बीते एक साल में गेहूं की कीमतों में 6 फीसदी का उछाल आ चुका है. 2022 और 2023 में तापमान बढ़ने के चलते गेहूं के फसल को नुकसान पहुंचा था जिसके बाद मई 2022 में भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने का फैसला लिया था जो अभी लागू है.
मौजूदा वर्ष में भी सरकार के 112 मिलियन मीट्रिक टन के अनुमान से 6.24 फीसदी कम गेहूं का उत्पादन हुआ है. राज्यों के वेयरहाउस में गेहूं का स्टॉक घटकर 29.9 मीट्रिक टन पर आ गया है जो कि पिछले साल 31.5 मीट्रिक टन रहा था. जून महीने में सरकार ने ट्रेडर्स के लिए गेहूं रखने की स्टॉक लिमिट तय कर दी थी. रिपोर्ट के मुताबिक गेहूं के स्टॉक में कमी और कीमतों पर नकेल कसने के लिए छह वर्ष की पाबंदी के बाद भारत फिर से गेहूं का आयात कर सकता है. सरकार ने गेहूं के आयात पर 40 फीसदी टैक्स लगा रखा है. टैक्स को हटाये जाने पर प्राइवेट ट्रेडर्स और आटा मिलों के लिए रूस और ऑस्ट्रेलिया से गेहूं का आयात करने का रास्ता खुल सकेगा.
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