MSME Sector: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा कि सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम क्षेत्र (MSME Sector) से देश का निर्यात बढ़ाने के लिये ग्लोबल इंटेलिजेंस नेटवर्क स्थापित कर रही है. ग्लोबल मार्केट ‘इंटेलिजेंस नेटवर्क’ विदेशी बाजारों पर निर्यात से संबंधित आंकड़ों के मामले में ज्ञान के भंडार के रूप में कार्य करेगा और MSME निर्यातकों के लिये आसान बाजार पहुंच की सुविधा प्रदान करेगा.


MSME सेक्टर पर रहेगा फोकस
एमएसएमई मंत्रालय और एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (EDII) द्वारा आयोजित शिखर सम्मेलन में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम मंत्री राणे ने कहा कि सरकार एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत बनाने को लेकर गंभीर है.


इंटेलिजेंस नेटवर्क कर रहा स्थापित
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा ध्यान आसान लोन, बेहतर प्रौद्योगिकी सहायता और निर्यात बाजारों तक पहुंच प्रदान करने पर है. हम चाहते हैं कि हमारा एमएसएमई क्षेत्र प्रतिस्पर्धी बने और विकसित हो.’’ राणे ने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय एक वैश्विक बाजार ‘इंटेलिजेंस नेटवर्क’ स्थापित कर रहा है जो एमएसएमई निर्यात में मदद करेगा.


निर्यात में करता है 45 फीसदी योगदान
एक अनुमान के मुताबिक, देश का एमएसएमई क्षेत्र निर्यात में 45 प्रतिशत योगदान करता है. इस खंड से निर्यात बढ़ाने की काफी संभावना है. हालांकि, व्यापार से संबंधित भरोसेमंद आंकड़ों की कमी प्रमुख बाधा है. इससे एमएसएमई क्षेत्र नये बाजार में अवसरों का उपयोग कर वास्तविक निर्यात क्षमता का उपयोग नहीं कर पा रहा.


विकास इंजन बनाने के लिए तैयार की रूपरेखा
मंत्री ने सभी संबंधित पक्षों से एमएसएमई क्षेत्र को देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक गतिशील विकास इंजन बनाने को लेकर रूपरेखा तैयार करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि एमएसएमई को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिये अधिक शोध और नवोन्मेष तथा नये व्यावसायिक विचारों की जरूरत है.


मंत्री ने कहा कि ईडीआईआई जैसे संस्थान एमएसएमई को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद कर सकते हैं. राणे ने एमएसएमई को भारत की अर्थव्यवस्था का विकास इंजन बताया और देश की जीडीपी वृद्धि और रोजगार में इस क्षेत्र के योगदान का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘‘यह ग्रामीण औद्योगिकीकरण के लिहाज से महत्वपूर्ण है...’’


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