GST: सरकार ने कंपनियों से 30 जुलाई तक रजिस्ट्रेशन कराने को कहा
जिन टैक्पेसयर्स को जीएसटी व्यवस्था में रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है, वे 22 जुलाई तक अपना रजिस्ट्रेशन रद्द करा सकते हैं. जो लोग जीएसटीएन पर नहीं गये हैं लेकिन रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत है, उन्हें 22 जुलाई तक यह कराना होगा.
नई दिल्ली: सरकार ने व्यापारियों से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत 30 जुलाई तक रजिस्ट्रेशन कराने को कहा है. हालांकि जिन व्यापारियों का कारोबार 20 लाख रुपये से कम है या पूरी तरह छूट वाली वस्तुओं अथवा सेवाओं की आपूर्ति में लगे हैं, उन्हें नई टैक्स व्यवस्था के तहत रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं है. जीएसटी एक जुलाई से लागू हो गया है.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘जीएसटी कानून के तहत व्यापारियों को 30 जुलाई 2017 तक रजिस्ट्रेशन कराना है. सभी व्यापारियों से अुनरोध है कि वे अंतिम तिथि तक इंतजार किये बिना रजिस्ट्रेशन करायें.’’ जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन के लाभ को बताते हुए मंत्रालय ने कहा कि मूल्य श्रृंखला में कच्चे माल पर किये गये टैक्स भुगतान का लाभ दिया जा सकता है और टैक्स की राशि सीधे सरकारी खजाने में आएगी.
इसमें कहा गया है, ‘‘इसीलिए व्यापारियों से अनुरोध है कि वे बिना समय गंवाये तत्काल जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन करायें.’’ बीस लाख रुपये तक के कारोबार वाले व्यापारियों विशेष श्रेणी के राज्यों के लिये 10 लाख रुपये को जीएसटी से छूट है.
बयान के अनुसार, ‘‘अगर व्यापारी का सालाना कारोबार पिछले वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से ज्यादा है, उन्हें उन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत है जहां आप कर योग्य आपूर्ति कर रहे हैं.’’ वैसे करदाता जो उत्पाद शुल्क, मूल्य वर्द्धित कर वैट या सेवा कर दे रहे थे और जीएसटी पोर्टल पर चले गये हैं और अस्थायी आईडी जारी किया गया है, उन्हें सभी जरूरी दस्तावेज देकर 22 सितंबर 2017 तक रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करनी होगी. उसके बाद जीएसटीआईएन जारी किया जाएगा.
जिन टैक्पेसयर्स को जीएसटी व्यवस्था में रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है, वे 22 जुलाई तक अपना रजिस्ट्रेशन रद्द करा सकते हैं. जो लोग जीएसटीएन पर नहीं गये हैं लेकिन रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत है, उन्हें 22 जुलाई तक यह कराना होगा. वैसे नये टैक्सपेयर जिन्होंने पहले की व्यवस्था में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था, उन्हें 30 जुलाई तक रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
बयान में कहा गया है कि वित्त वर्ष में किसी भी समय अगर कारोबार 20 लाख रुपये को पार कर जाता है, उन्हें उस तारीख से 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रेशन के लिये आवेदन करना होगा.