कैबिनेट की बैठक में हुआ फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की हुई बैठक में इसका फैसला किया गया. लेदर और फुटवियर के लिए जारी किेए गए इस पैकेज में केंद्रीय योजना भारतीय फुटवियर, चमड़ा व साजो सामान विकास कार्यक्रम का कार्यान्वयन 2017-18 से 2019-20 के दौरान किया जाना है. इसका कुल खर्च 2600 करोड़ रुपये है.
जानिए लेदर सेक्टर/फुटवियर सेक्टर को मिलने वाले फायदे
- इन सेक्टर के लिए जारी फायदों में टैक्स और नॉन टैक्स प्रोत्साहनों के जरिए स्किल डेवलपमेंट और टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट (तकनीकी उन्नयन) के लिए फंड्स का एलान किया है.
- इस पैकेज के तहत लेदर, फुटवियर और इनसे जुड़े सेक्टर में काम करने वाले वर्कर्स को पीएफ (प्रोविजन फंड) के रूप में भी फायदा होगा. इस सेक्टर में काम करने वाले सभी नए कर्मचारियों जिनकी सैलरी 15,000 रुपये तक है उनके नियोक्ता (एंप्लॉयर) के योगदान का 3.67 फीसदी का योगदान सरकार देगी. हालांकि ये अंशदान कर्मचारी भविष्य निधि फंड में शामिल होने के पहले 3 साल तक ही मिलेगा.
- टैक्सटाइल सेक्टर की ही तरह सरकार ने इंडस्ट्रियल एंप्लॉएमेंट के (स्थाई आदेश) कानून 1946 के तहत इस सेक्टर में भी एक तयशुदा समय तक रोजगार देने के कानून को लागू करने का फैसला लिया है.
- वहीं इसी खास पैकेज के तहत श्रम कानून को भी आसान बनाने के उपायों को भी शामिल किया जाएगा जिससे इस सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के हितों को सुरक्षित किया जा सके.
सरकार ने कहा है कि इस योजना से लेदर सेक्टर के लिए इंफ्रास्टक्चर का विकास होगा. वहीं इसके अलावा चमड़ा क्षेत्र से जुड़ी पर्यावरण की चिंताओं को भी दूर किया जाएगा.