नई दिल्लीः क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन पर आखिरकार सरकार ने शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है. प्रमुख आर्थिक समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक बिटकॉइन और इसके जैसी दूसरी क्रिप्टो करेंसी पर आने वाले बजट में रेगुलेटरी कदमों का एलान हो सकता है. यही नहीं इनके लिए एक समुचित परिभाषा भी तय की जा सकती है और इनको रेगुलेटरी दायरे में लाया जा सकता है.
जानें क्या है बड़ा कदम
इसी महीने में सरकार ने आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग की अध्यक्षता में क्रिप्टो करेंसी से जुड़े मामले तय करने के लिए एक कमिटी गठित की थी. इसने अब इस तरह की करेंसी की परिभाषा तय करने के लिए ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार कर ली है.
- ड्राफ्ट रिपोर्ट में बिटकॉइन को करेंसी का आधिकारिक दर्जा देने या न देने पर बात हुई है.
- इसके अलावा रिपोर्ट में क्रिप्टो करेंसी के अलग-अलग कैटेगरी तय करने पर भी सुझाव दिए गए हैं.
- इसको कैपिटल गेन टैक्स के दायरे में लाए जाने पर भी विचार किया जा सकता है.
दरअसल क्रिप्टो करेंसी की बढ़ती लोकप्रियता और हाल ही में इसकी कीमत जोरदार ऊंचाई पर जाने के बाद रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय की तरफ से भी इसके जोखिमों को लेकर चेतावनी जारी की गई थी. आपको बता दें कि सरकार ने क्रिप्टो करेंसी के मामलों को देखने के लिए ये दूसरी कमेटी बनाई है और इससे पहले क्रिप्टो करेंसी पर एक और कमिटी भी बनाई जा चुकी थी.
क्या है बिटकॉइन
बिटकाइन एक विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है और यह पहली विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा है जिसका अर्थ है की यह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा नहीं संचालित होती है. कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित पेमेंट के लिए इसे बनाया गया है. बिटकॉइन एक वर्चुअल यानी आभासी मुद्रा है, आभासी मतलब कि अन्य मुद्रा की तरह इसका कोई भौतिक स्वरुप नहीं है यह एक डिजिटल करेंसी है. यह एक ऐसी करेंसी है जिसको आप ना तो देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं. यह केवल इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर होती है और अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही सामान खरीद सकता है.