नई दिल्लीः देश के करोड़ों सरकारी कर्मचारियों को केंद्र सरकार ने झटका दे दिया है. केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता बढ़ाने पर रोक लगा दी है. कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट की वजह से ये फैसला लिया गया है. पहले से ही इस बात के संकेत मिलने लगे थे कि इस बार कर्मचारियों और पेंशनधारकों को महंगाई भत्ते के बढ़ने का फायदा नहीं दिया जाएगा. फैसले के तहत यह आदेश केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों और वेतनभोगियों पर लागू होगा.
क्या है फैसला
सरकार ने जो फैसला लिया है उसके तहत 1 जनवरी 2020, उसके बाद 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से बढ़ने वाले महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी गई है. इसके साथ ही सरकार ने ये भी साफ कर दिया है कि आगे चलकर ये बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता एरियर के तौर पर भी नहीं मिलेगा. जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने पिछले महीने ही सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी का एलान किया था और कर्मचारियों का डीए 17 फीसदी से बढ़ाकर 21 फीसदी कर दिया था लेकिन अब ये बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता नहीं मिल सकेगा.
क्या है सरकारी आदेश
वित्त मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी है कि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को 1 जनवरी 2020 से दिए जाने वाले महंगाई भत्ते और केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को मिलने वाली महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्त नहीं देने का फैसला कर लिया है. ये फैसला बढ़े हुए महंगाई भत्ते के लिए है यानी मौजूदा दरों पर महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की किस्त का पेमेंट किया जाता रहेगा.
50 लाख कर्मचारियों, 61 लाख पेंशनर्स पर दिखेगा असर
बताया जा रहा है कि सरकार के इस फैसले का असर केंद्र सरकार के करीब 50 लाख कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनधारकों के ऊपर पड़ेगा. इसका अर्थ है कि करीब 1.1 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनर्स के ऊपर इस फैसले का असर देखा जाएगा.
सरकार को होगी 37,530 करोड़ रुपये की बचत
कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने में लगी केंद्र सरकार ने बढ़ते आर्थिक बोझ को देखते हुये अपने खर्चों में कटौती करनी शुरू कर दी है. इस दिशा में आगे बढ़ते हुये सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते की नई किस्तों पर एक जुलाई 2021 तक के लिये रोक लगा दी है. इस कदम से सरकार को चालू वित्त वर्ष 2020-21 और अगले वित्त वर्ष 2021-22 में कुल मिलाकर 37,530 करोड़ रुपये की बचत होगी.
राज्य सरकारों के भी इसी तर्ज पर फैसला करने की संभावना
सूत्रों के मुताबिकआमतौर पर इस मामले में राज्य सरकारें भी केंद्र सरकार के फैसले को दोहराती हैं. अगर राज्य सरकारें भी इस अवधि के दौरान कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते और पेंशनभागियों की महंगाई राहत की तीन किस्तों का भुगतान नहीं करती हैं तो उन्हें भी 82,566 करोड़ रुपये तक की बचत होगी. कुल मिलाकर केंद्र और राज्यों के स्तर पर इससे 1.20 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी, जिससे कोविड-19 के खिलाफ जारी लड़ाई में मदद मिलेगी.
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