केंद्र सरकार ने देश में दूध के दाम में लगातार बढ़ोतरी पर लगाम लगाने के लिए सोमवार को एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने डी-ऑयल्ड राइस ब्रैन यानी तेल निकाले जाने के बाद बचे चावल के छिलकों के निर्यात पर लगी रोक को मार्च तक बढ़ाने का फैसला लिया है.
इस साल जुलाई से लगी हुई है रोक
न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट में डीजीएफटी के एक नोटिफिकेशन के हवाले से ये जानकारी दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, डाइरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड के नोटिफिकेशन में बताया गया है कि सरकार ने डी-ऑयल्ड राइस ब्रैन के निर्यात पर रोक मार्च 2024 तक बढ़ा दी है. डी-ऑयल्ड राइस ब्रैन के निर्यात पर सरकार ने पहली बार जुलाई 2023 में रोक लगाई थी.
डेयरी व पॉल्ट्री सेक्टर के लिए अहम
डी-ऑयल्ड राइस ब्रैन का इस्तेमाल कैटल व पॉल्ट्री फीड बनाने में किया जाता है. मतलब पशुओं के आहार/चारा के लिए डी-ऑयल्ड राइस ब्रैन रॉ मटीरियल की तरह इस्तेमाल होता है. इस तरह डी-ऑयल्ड राइस ब्रैन डेयरी व पॉल्ट्री सेक्टर के लिए अहम हो जाता है और इसकी उपलब्धता का दोनों सेक्टरों की लागत पर सीधा असर होता है.
इस तरह से दूध की कीमतों पर असर
पीटीआई की रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से बताया गया है कि देश में पिछले कुछ समय से दूध की कीमतों में देखी जा रही लगातार तेजी की सबसे बड़ी वजह पशुओं के आहार के दाम में आ रही तेजी है. यही कारण है कि सरकार ने डी-ऑयल्ड राइस ब्रैन के निर्यात पर रोक को बढ़ाने का फैसला लिया है. सरकार का यह फैसला घरेलू बाजार में पशुओं के आहार की उपलब्धता को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है. इस तरह पशुओं के आहार के भाव नियंत्रित हो सकते हैं.
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन की दलील
दूसरी ओर सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया निर्यात पर रोक के इस फैसले के पक्ष में नहीं है. एसोसिएशन ने इससे पहले सरकार से अनुरोध किया था कि वह निर्यात पर रोक के फैसले पर पुनर्विचार करे. एसोसिएशन की मानें तो डी-ऑयल्ड राइस ब्रैन के निर्यात पर रोक का पशु चारा या दूध की कीमतों पर नाम मात्र का असर हो रहा है. पशुओं के चारे में करीब 25 फीसदी ही डी-ऑयल्ड राइस ब्रैन का इस्तेमाल किया जाता है.
ये भी पढ़ें: इस पावर कंपनी के लिए अडानी ने फिर से बढ़ाई बोली, अब ऑफर हुआ 4000 करोड़ के पार